आईएएस-आईपीएस से मांगी शेयर में निवेश की डिटेल

केंद्र सरकार ने अफसरों के लिए जारी किया फरमान

नई दिल्ली। केंद्र ने अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से कहा है कि यदि शेयर बाजार, शेयर या अन्य निवेश में उनका कुल लेनदेन कैलेंडर वर्ष के दौरान उनके छह महीने के मूल वेतन से अधिक होता है तो वे इसकी जानकारी मुहैया करवाएं। कार्मिक मंत्रालय ने इस बाबत हाल में एक आदेश जारी किया है। यह जानकारी अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमावली, 1968 के नियम 16(4) के तहत उनके द्वारा दी जाने वाली इसी प्रकार की जानकारी से अतिरिक्त होगी। ये नियम अखिल भारतीय सेवाओं- भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के सदस्यों पर लागू होंगे। यह आदेश केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को जारी किया गया है।

सरकारी कर्मचारी किसी भी निवेश में सट्टा नहीं लगाएंगे

नियम-16 के उप-नियम (1) में यह भी उपबंधित है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी स्टॉक, शेयर अथवा अन्य निवेश में सट्टा नहीं लगाएगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि शेयरों, प्रतिभूतियों तथा अन्य निवेशों की बार-बार खरीद अथवा बिक्री अथवा दोनों को इस उप-नियम के अर्थ की परिधि में सट्टा माना जाएगा।

क्यों लिया गया निर्णय

अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों के संबंध में किसी भी स्टॉक, शेयर या अन्य निवेश आदि में लेन-देन पर नजर रखने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को सक्षम करने की दृष्टि से, यह निर्णय लिया गया है। इस बारें में एक सूचना देनी होगी। हर सदस्य प्रत्येक लेनदेन के संबंध में सरकार को सूचित करेगा, जिसकी वैल्यू ऐसे लेनदेन के पूरा होने के एक महीने के भीतर सेवा के सदस्य के दो महीने के मूल वेतन से अधिक है।

कहां से आया पैसा

अभी तक अधिकारियों से उनके निवेश के बारे में जानकारी प्राप्त करने का कोई तरीका नहीं था। हाल के समय में केंद्र के पास कई रिपोर्ट आ रही थीं, जिसमें लाल बत्ती में चलने वाले अधिकारियों का शेयर बाजार में एक्सपोजर के संकेत मिल रहे थे। अब सरकार ने खुद ही अधिकारियों से पूछा है कि वे अपने निवेश के बारे में उसे सूचित करें।

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