- कश्मीर से बनवाया था गनमैन के जरिए बंदूक लाइसेंस
- फरार चल रहे खालिस्तानी नेता की सरगर्मी से तलाश जारी
(फोटो : अमृतपाल)
नई दिल्ली। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पायी है। बुधवार (29 मार्च) को उसने एक रिकार्डेड वीडियो जारी किया था। वीडियो में अमृतपाल पंजाबी भाषा में सिख समुदाय के लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहा था। वहीं, अमृतपाल सिंह के गन मैन वीरेंद्र सिंह के खिलाफ जम्मू के किश्तवाड़ जिले में मामला दर्ज हुआ है। बंदूक के लाइसेंस मामले में जिला उपायुक्त किश्तवाड़ की तरफ से 19 मार्च 2023 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अमृतपाल सिंह के गनमैन के खिलाफ एफआईआर पर किश्तवाड़ के एसएसपी खलील पोसवाल ने बताया, “साल 2014 में किश्तवाड़ में वीरेंद्र सिंह के नाम पर एक गन लाइसेंस जारी किया गया था। किश्तवाड़ पुलिस लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल के चलते उपायुक्त ने लाइसेंस रद्द किया और किश्तवाड़ पुलिस थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई थी। इसके बारे में पंजाब पुलिस ने किश्तवाड़ उपायुक्त को लिखित जानकारी दी गयी थी, जिसके बाद लाइसेंस रद्द किया गया। पता चला कि इसके बाद भी लाइसेंस का दुरुपयोग किया गया। उसने लाइसेंस के रिन्यूअल के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। मामले में एफआईआर दर्ज़ की गई है।”
मामले की जांच जारी
एसएसपी खलील पोसवाल ने कहा कि किश्तवाड़ पुलिस इसे लेकर पंजाब पुलिस के साथ संपर्क में है। मामले में जांच जारी है। उन्होंने कहा कि वीरेंद्र सिंह को पंजाब द्वारा पुलिस ने गिरफ्तार किया जा चुका है। उसे असम की जेल में भेजा गया है। वह पंजाब के तरनतारन क्षेत्र का रहने वाला है। आरोप है कि अमृतसर के अजनाला थाने पर 23 फरवरी को हुए हमले में वीरेंद्र सिंह शामिल था।
बैसाखी पर देगा टेंशन, अलर्ट मोड पर पुलिस प्रशासन
अमृतपाल सिंह ने वीडियो में जो बोला है, उससे बैसाखी को लेकर भी टेंशन बढ़ गई है, जिसे पंजाब और खासतौर पर सिख समुदाय के बीच बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। अमृतपाल सिंह ने फेसबुक लाइव पर कहा कि पंजाब पुलिस यदि सिर्फ मुझे गिरफ्तार करना चाहती तो कोई मसला ही नहीं था, लेकिन यह तो सिख कौम पर हमला है। अमृतपाल सिंह ने इस दौरान अकाल तख्त जत्थेदार से अपील की है कि वे बैसाखी पर सरबत खालसा का आयोजन करें। सरबत खालसा का अर्थ सिख समाज के सभी लोगों की मीटिंग से होता है। अकाल तख्त सिखों की शीर्ष संस्था है। इस तरह अमृतपाल सिंह ने पूरे मामले को सांप्रदायिक ऐंगल देने की कोशिश की है। यदि उसके आह्वान पर लोग बैसाखी के दिन जुटते हैं या फिर अकाल तख्त की ओर से कोई अपील होती है तो पूरा मामला और पेचीदा हो जाएगा। अमृतपाल की उकसाने वाली बात के बाद पंजाब पुलिस और पूरा प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।
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