‘चोर मंडल’ कहने पर मुश्किल में फंसे राउत

–विशेषाधिकार हनन नोटिस असंतोषजनक

मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि विशेषाधिकार हनन नोटिस पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत का जवाब ‘असंतोषजनक’ है। इसके बाद यह मामला उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पास भेज दिया गया। विधान मंडल को ‘चोर मंडल’ कहने के लिए राउत के खिलाफ पिछले महीने विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया गया था। विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे ने विधान परिषद में कहा कि राउत ने अपने जवाब में सदन की विशेषाधिकार समिति के गठन, इसकी निष्पक्षता और कामकाज पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, राज्यसभा के वरिष्ठ सदस्य होने के नाते उनसे यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वह (राउत) विशेषाधिकार समिति के कामकाज पर सवाल उठाएं, इसलिए मैं उनके जवाब से पूरी तरह सहमत नहीं हूं और मुझे यह संतोषजनक नहीं लगा। इसी कारण मैं विशेषाधिकार हनन नोटिस को उचित कार्रवाई के लिए राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति को भेज रही हूं।

स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधानसभा में कहा कि विशेषाधिकार नोटिस पर राउत का स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि उनके बयान से विशेषाधिकार का हनन हुआ है। लेकिन नियम के अनुसार, इसे राज्यसभा सचिवालय को भेजा गया है क्योंकि राउत राज्यसभा के सदस्य हैं। नार्वेकर ने यह भी कहा कि राज्य विधानमंडल और विधानमंडल परिसर में सदस्यों के आचरण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) दो सप्ताह में तैयार हो जाएगी।

शिंदे ने जवाब में क्या लिखा?

अपमानजनक टिप्पणी मामले में ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने उन्हें भेजे गए पत्र का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि वह राज्यसभा सांसद रहे हैं और विधानसभा के महत्व को जानते हैं। उनका बयान केवल एक विशिष्ट समूह (शिंदे खेमे) के लिए था, सभी विधायकों के लिए नहीं।

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