हंगामे के बाद संसद सोमवार तक स्थगित:कांग्रेस की मांग- राहुल को सदन में बोलने दो, भाजपा अड़ी- पहले माफी मांगो

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग को लेकर भाजपा के सदस्यों ने और अडाणी समूह से जुड़े मामले की जेपीसी से जांच की मांग को लेकर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन लोकसभा और राज्यसभा में भारी हंगामा किया। लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार 20 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में विपक्षी सदस्यों ने राहुल गांधी एवं सोनिया गांधी की मौजूदगी में संसद परिसर में प्रदर्शन किया।

सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया और प्रश्न पूछने के लिए कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी का नाम पुकारा। इस बीच कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के पास आकर अडाणी ग्रुप से जुड़े मामले की जेपीसी जांच की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। उधर सत्तापक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर विदेश में राहुल गांधी के भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर उनसे माफी की मांग करने लगे। हालांकि, कांग्रेस नेता तिवारी ने पूरक प्रश्न पूछने के लिए सदन में व्यवस्था नहीं होने का जिक्र किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से कहा कि वे अपने स्थान पर जाकर बैठें, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रही।

विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया

सदन के स्थगित होने के बाद कांग्रेस सांसदों समेत 16 विपक्षी दलों ने सोनिया, राहुल और खड़गे के साथ मिलकर महात्मा गांधी की मूर्ति के पास अडाणी मामले पर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सदन की कार्यवाही के दौरान ऑडियो म्यूट कर दिया गया। क्या यह लोकतंत्र है? लोकसभा में कांग्रेस के लीडर अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को भी कहा था कि उनका माइक 3 दिन के लिए म्यूट कर दिया गया।

कांग्रेस लाई मोदी के खिलाफ प्रस्ताव

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने राज्यसभा में सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया। कांग्रेस ने अपनी चिट्ठी में कहा कि पीएम ने कहा था, मुझे बहुत आश्चर्य होता है कि चलो बाई, नेहरू जी का नाम हमसे कभी छूट जाता होगा और यदि छूट जाता है, तो हम उसे ठीक भी कर लेंगे, क्योंकि वे देश के पहले प्रधानमंत्री थे, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई भी व्यक्ति नेहरु जी का सरनेम रखने से क्यों डरता है? क्या शर्मिंदगी है? नेहरु सरने रखने में क्या शर्मिंदगी है? इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको मंजूर नहीं है, परिवार मंजूर नहीं है।

राहुल माफी मागो, राहुल को बोलने दो के नारे लगे

संसद की कार्रवाई शुरू होते ही सत्ता पक्ष के सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे जबकि कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल के सदस्य ‘बोलने दो, बोलने दो, राहुल जी को बोलने दो’ के नारे लगा रहे थे। इस दौरान सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे। सदन के उपनेता राजनाथ सिंह भी उपस्थित थे।

आपको नारेबाजी करने नहीं भेजा है : बिरला

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों से कहा, ‘आपको नारेबाजी करने के लिए नहीं भेजा है।’ उन्होंने कहा कि सदन में व्यवस्था बनेगी तब वे सभी को बोलने का मौका देंगे। हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष बिरला ने सदन की बैठक शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी। अब शनिवार और रविवार को छुट्टी होने के कारण सदन की अगली बैठक सोमवार को होगी।

समिति बनाने भाजपा ने स्पीकर से किया संपर्क

कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा ब्रिटेन में भारत के लोकतंत्रिक व्यवस्था को लेकर दिए अपने बयानों पर भाजपा ने उनसे माफी की मांग की है। राहुल अगर माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की पहल भी की जा सकती है। राहुल को संसद से निलंबित करने की मांग करते हुए भातपा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से संपर्क साधा और एक विशेष समिति बनाने की मांग की है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि यह सिर्फ विशेषाधिकार का मुद्दा नहीं है, यह उससे बहुत आगे की बात है।

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कांग्रेस नेता ने क्या तर्क दिया?

कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने इस चिट्ठी में कहा, प्रधानमंत्री का यह कहना कि गांधी परिवार के सदस्यों ने नेहरु सरनेम क्यों नहीं लिया, अपने आप में काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री जानते हैं कि बेटी शादी के बाद अपने पिता का सरनेम नहीं रख सकती। यह जानने के बावजूद उन्होंने जानबूझकर इस बात का मजाक बनाया। इसके अलावा इस मामले को और वृहद तरीके से बताए जाने की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं, पीएम के बात करने का लहजा और आशय अपमानजनक था। यह प्रधानमंत्री की ओर से सोनिया गांधी और राहुल गांधी की छवि गढ़ने जैसा था, जो कि दोनों के विशेषाधिकार का हनन है और इस सदन की भी अवमानना है।
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