ईंट भट्ठे में लगाई आग और शराब पीकर ऊपर ही सो गए, दम घुटने से 5 की मौत

—बसना के गढ़फुलझर में दर्दनाक हादसा, छह मजदूरों में एक की हालत गंभीर

—मुख्यमंत्री ने दुख जताया, मृतक के परिजनों के लिए 2-2 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा


ईंट पकाने के लिए मजदूरों ने ईंट भट्ठे में आग लगाई। फिर, थकान मिटाने उसी पर शराब पीकर सो गए। रात में उठ रहे धुएं से दम घुटा और सो रहे 6 मजदूरों में से 5 की मौत हो गई। वहीं, एक अन्य मजदूर की स्थिति भी गंभीर बताई जा रही है। ऐसा हादसा पहली बार नहीं हुआ। पिछले महीने बलरामपुर जिले में ऐसी ही घटना में मजदूरों की मौत हुई थी

बसना। महासमुंद जिले के बसना क्षेत्रांतर्गत आने वाले ग्राम गढ़फुलझर में यह दर्दनाक हादसा हुआ है। घटना में मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रत्येक को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। घटना रात को करीब 12 से 4 बजे के बीच की बताई जा रही है। सुबह जब अन्य मजदूरों ने धुआं उठने के बाद भी ऊपर सो रहे मजदूरों में कोई हलचल नहीं देखी और आवाज देने पर भी कोई प्रति उत्तर नहीं मिला तो, दो उन्होंने जाकर देखा तो पता चला कि मजदूर मृत हैं। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अमला घटनास्थल पर पहुंचा और शवों को भट्ठों से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। मजदूरों में से 1 की हालत गंभीर बताई जा रही है। गंभीर को प्राथमिक उपचार के लिए बसना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उसे गंभीर स्थिति को देखते हुए राजधानी रायपुर रेफर किया गया।


ठेके पर दिया काम

जानकारी अनुसार गांव में कुंज बिहारी पांड़े का ईंट का भट्ठा है। उन्होंने श्रमिकों से ईंट बनवाकर उसे पकाने के लिए ठेका पर दिया था। बताया कि श्रमिक गंगा राम बिसी (55), दशरथ बिसी (30), सोना चंद भोई (40), वरुण बरिहा (24), जनक राम बरिहा(35) और मनोहर बिसी(30) काम कर रहे थे। रात 12 बजे तक ईंट भट्ठा में काम चलता रहा। मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल पाएगा। ग्रामीणों की मानें तो मजदूरों की मौत ईंट भट्ठा से निकलने वाले धुएं से दम घुटने से होने की आशंका है। मृतकों में तीन लोग एक ही परिवार के पिता और दो पुत्र हैं।


बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले के बसना विकासखंड के ग्राम गढ़फुलझर में ईंट भट्ठा में काम करने वाले 5 श्रमिकों की मृत्यु पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए मृतक के परिवार को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि मंज़ूर की है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को गंभीर रूप से घायल श्रमिक को बेहतर से बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि घटना में घायल श्रमिक को बेहतर उपचार के लिए राजधानी रायपुर रेफर किया है।


अफसर और मैदानी अमला पहुंचा मौके पर

घटना की सूचना मिलते ही बसना पुलिस घटना स्थल पर पहुंची साथ ही पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह भी घटनास्थल पहुंचे। पुलिस अधीक्षक के आने के पूर्व आशीष वासनिक थाना प्रभारी सरायपाली, विनोद नेताम थाना प्रभारी सांकरा, शिवानंद तिवारी थाना प्रभारी पिथौरा, योगेश सोनी चौकी प्रभारी भंवरपुर दल बल के साथ पहुंच चुके थे। वहीं तहसीलदार रामप्रसाद बघेल भी मौजूद रहे।


चीर घर में जगह कम पड़ गई

एक साथ हुए मौत का हृदय विदारक दृश्य सामने आया है, जिसे पोस्टमार्टम के लिए चीरघर ले जाया गया, जहां जगह की कमी के चलते उन्हें दो मजदूरों की लाश जमीन पर रखनी पड़ी।

कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश

मजदूरों की दर्दनाक मौत पर कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने घटना की जांच का निर्देश दिए हैं। उन्होंने एसडीएम सरायपाली को तत्काल नियमानुसार सहायता राशि प्रदान कराए जाने के निर्देश दिए। इधर, प्रशासनिक अफसरों की मानें तो ईंट भट्ठे में सो रहे मजदूरों की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आ पाएगा।

बलरामपुर में पिछले महीने हुई थी ऐसी ही घटना

पिछले महीने फरवरी में छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी, जहां ईंट-भट्ठे के ऊपर सो रहे 3 लोगों की एक साथ मौत हो गई थी। गणेश मोड़ चौकी इलाके में स्थित ईंट भट्ठे के ऊपर तीनों मजदूर सो गए थे, जहां धुएं के कारण दम घुटने से इनकी मौत हो गई थी। बलरामपुर एएसपी सुशील नायक ने बताया था कि तीनों शराब के नशे में धुत सोए पड़े थे, इसलिए ये खुद को बचा भी नहीं सके। मृतकों के नाम राजदेव चेरवा, बनवा चेरवा (40 वर्ष) और छोटू चेरवा (20 वर्ष) थे।

000

प्रातिक्रिया दे