-28 या 29 मार्च को अयोध्या जाएगी लकड़ी
(फोटो : राम मंदिर)
मुंबई। दिल्ली की सेंट्रल विस्टा परियोजना के बाद अब अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर के प्रवेशद्वार में बेशकीमती सागौन की लकड़ी का उपयोग होगा। महाराष्ट्र के चंद्रपुर से मूल्यवान और उच्च दर्जे की सागौन की लकड़ी इसके लिए अयोध्या भेजी जाएगी। उससे पहले चंद्रपुर में भव्य रैली होगी और विधि-विधान से पूजा-पाठ के बाद 28 या 29 मार्च को सागौन से लदा ट्रक अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा। महाराष्ट्र के वन व सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना से सेंट्रल विस्टा परियोजना में चंद्रपुर की कीमती सागौन की लकड़ी इस्तेमाल की गई है। इसी तरह, भगवान श्रीराम के निर्माणाधीन मंदिर का मुख्य प्रवेशद्वार चंद्रपुर के जंगल की सागौन की लकड़ी से बनाया जाएगा। जल्द ही अयोध्या से एक टीम चंद्रपुर आने वाली है। वह बताएगी कि उन्हें कितने टन सागौन की आवश्यकता है।
इसके बाद बल्लारपुर डिपो से सागौन की लकड़ी अयोध्या भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि चंद्रपुर के सागौन की लकड़ी का इस्तेमाल देश की अनेक आकर्षक इमारतों में किया गया है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के मुख्यद्वार के लिए सागौन की लकड़ी अत्यंत किफायती मूल्य पर भेजी जाएगी। मंदिर के प्रवेशद्वार के अलावा भी श्रीराम मंदिर में अनेक स्थानों पर सागौन की लकड़ी का उपयोग होगा। मुनगंटीवार ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में चंद्रपुर के योगदान की जानकारी देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित होगा। उन्होंने लोगों से इसमें बड़ी संख्या में भाग लेने का आग्रह किया है। इसके बाद श्रीराम मंदिर के लिए सागौन की लकड़ी धूमधाम के साथ रवाना की जाएगी।
विदर्भ के घने जंगल में हैं उच्च दर्जे के सागौन वृक्ष
विदर्भ में चंद्रपुर के घने जंगल में उच्च दर्जे के सागौन के वृक्ष मौजूद हैं। इस जंगल में 203 बाघ, तेंदुए, भालु, हिरन आदि जंगली जानवर, अनेक प्रजातियों के पक्षी और वनस्पतियां हैं। यह जंगल वन्यजीवों और वनस्पतियों का अध्ययन करने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
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