इंडियन रेलवे की संसदीय समिति के आग्रह को सरकार जल्द ही पहनाएगी अमलीजामा
नई दिल्ली। ट्रेन से सफर करने वाले सीनियर सिटीजन्स वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। रेलवे की ओर से सीनियर सिटीजन्स को मिलने वाली छूट पर खास अपडेट सामने आया है। ट्रेन टिकट पर वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को एक बार फिर से बहाल किया जा सकता है। रेलवे की तरफ से 60 साल या उससे ज्यादा आयु के पुरुषों और 58 साल या इससे ज्याया आयु की महिलाओं को ट्रेन टिकट में भारी छूट का फायदा मिलता था, जिसको फिर से शुरू किया जा सकता है। गौरतलब है कि रेलवे 2020 से पहले वरिष्ठ नागरिकों को छूट देती थी लेकिन कोरोना काल के बाद इन्हें मिलने वाली सभी तरह की रियतें खत्म कर दी गई हैं। , इस मामले को लेकर गठित समिति ने कहा कि रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कोरोना की स्थिति सामान्य हो गई है।
समिति ने किया आग्रह
इंडियन रेलवे की संसदीय समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि रेलवे की तरफ से छूट को बहाल किया जाए। भारतीय जनता पार्टी के सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेल मंत्रालय संबंधी संसद की स्थायी समिति ने ट्रेन में यात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट को बहाल करने पर रेल मिनिस्ट्री से सहानुभूतिपूर्वक पर विचार करने का आग्रह किया है।
स्लीपर व थर्ड एसी के लिए की थी सिफारिश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक समिति ने यात्री आरक्षण प्रणाली पर अपनी 12वीं एक्शन टेकन रिपोर्ट (17वीं लोकसभा) में यह भी इच्छा व्यक्त की थी, कम से कम स्लीपर क्लास और थर्ड एसी क्लास में इस पर विचार किया जा सकता है ताकि कि कमजोर और वास्तव में जरूरतमंद नागरिक इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
कोरोना से पहले मिलती थी छूट
रेलवे ने मार्च 2020 से पहले वरिष्ठ नागरिकों के मामले में महिलाओं को किराये पर 50 फीसदी और पुरुषों को सभी क्लास में रेल सफर करने के लिये 40 फीसदी छूट देता था। रेलवे की तरफ से ये छूट लेने के लिये बुजुर्ग महिलाओं के लिए न्यूनतम आयु सीमा 58 और पुरुषों के लिये 60 वर्ष थी, लेकिन कोरोना काल के बाद इन्हें मिलने वाली सभी तरह की रियतें खत्म कर दी गई हैं।
अश्विनी वैष्णव ने दी थी ये जानकारी
बता दें दिसंबर में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायतों को फिर से बहाल नहीं किया जाएगा। रेलवे की ओर से पेंशन औऱ सैलरी का बिल बहुत ही ज्यादा हो गया है। इसके साथ ही भारतीय रेल ने यात्री संबंधी सेवाओं के लिए 59000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी।
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