होसबोले ने कहा- शादी केवल अपोजिट जेंडर वालों में संभव, सरकार के फैसले से संघ सहमत

—संघ की ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा’ के आखिरी दिन संवाददाताओं से रूबरू हुए होसबोले

पानीपत। समलैंगिक विवाह पर केंद्र सरकार के फैसले से संघ भी सहमत है। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि सेम जेंडर मैरिज पर संघ सरकार के नजरिए से सहमत है। शादी केवल अपोजिट जेंडर वालों में संभव है। वहीं होसबाले ने रिलेशनशिप के सवाल पर कहा कि हिंदू दर्शन में विवाह संस्कार है। इसको कांट्रेक्ट नहीं कर सकते। यह शारीरिक इच्छापूर्ति के लिए नहीं होती। शादी से गृहस्थ जीवन के आदर्श मिलते हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले पानीपत के गांव पट्टीकल्याणा स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

होसबाले ने मंडल स्तर पर आरएसएस की शाखाओं का विस्तार प्रमुख है। 2025 शताब्दी समारोह 2024 में विजयादशमी से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि भारत की वह पहचान जो राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले सभी लोगों के लिए गर्व की बात रही है, आज के समय में दुनिया के सामने प्रस्तुत की जानी है। अगले 25 वर्षों में भारत को न केवल आर्थिक और ढांचागत रूप से बल्कि खेल और संस्कृति जैसे कई अन्य क्षेत्रों में भी विकास करना है।

चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं

होसबोले ने कहा कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की इस 3 दिवसीय बैठक में चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। यहां तक कि संघ की बैठक में राजनीतिक विषय पर भी कोई मंथन नहीं हुआ। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बुलाए जाने पर संघ ने कहा कि यह परंपरा है। वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले संघ की टॉप लीडरशिप की यह आखिरी बड़ी मीटिंग रही। इसमें सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, पांचों सह सरकार्यवाह, संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी, क्षेत्रीय व प्रांतीय कार्यकारिणी, संघ के प्रतिनिधि, सभी विभाग प्रचारक और 34 अलग-अलग संगठनों के स्वयंसेवक शामिल हुए।

राहुल गांधी को ऐसी सलाह

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हाल में दिए गए भाषणों में लगातार राष्ट्रीय स्वयं सेवक पर निशाना साधने के बीच होसबाले ने कहा कि उन्हें (राहुल को) ज्यादा जिम्मेदारी के साथ बात करनी चाहिए और समाज में संघ की स्वीकार्यता की वास्तविकता को देखना चाहिए। जब उनसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरूद्ध हाल में राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह जरूर अपने ‘राजनीतिक एजेंडे’ के तहत ऐसा कर रहे होंगे, लेकिन आरएसएस राजनीतिक क्षेत्र में काम नहीं करता है, इसलिए उनकी संघ से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। होसबाले ने कहा, एक राजनीतिक दल के नेता के तौर पर उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी के साथ बात करनी चाहिए और (संघ के विस्तार तथा समाज में उसकी स्वीकार्यकर्ता की) वास्तविकता देखनी चाहिए। ब्रिटेन में गांधी की टिप्पणी के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में आरएसएस नेता ने कहा, जिनलोगों ने भारत को जेल में तब्दील कर दिया था, उन्हें देश में लोकतंत्र पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र

आरएसएस के सरकार्यवाह होसबाले ने कहा कि भारत पहले से ही एक ‘हिंदू राष्ट्र’ है, जो एक ‘सांस्कृतिक अवधारणा’ है। इसे संविधान द्वारा स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है। होसबाले ने अपने बयान की व्याख्या करते हुए कहा कि राष्ट्र और राज्य दो अलग-अलग चीजें हैं। जहां राष्ट्र एक ‘सांस्कृतिक अवधारणा’ है, वहीं राज्य वह है, जिसे संविधान द्वारा स्थापित किया गया है। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में इस मुद्दे पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, हिंदू राष्ट्र के बारे में, हम पिछले 100 वर्षों से कह रहे हैं कि यह एक सांस्कृतिक अवधारणा है, सैद्धांतिक नहीं। उन्होंने कहा, राज्य और राष्ट्र दो अलग चीजें हैं। राज्य वह है, जिसे संविधान द्वारा स्थापित किया गया है। यह राज्य की शक्ति है। उन्होंने कहा, राष्ट्र एक सांस्कृतिक अवधारणा है। भारत पहले से ही एक हिंदू राष्ट्र है। इसे हिंदू राष्ट्र बनाने की जरूरत नहीं है।
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