—देश का पहला इलेक्ट्रिक तीर्थ कॉरिडोर , हर 30 किमी पर चार्ज पॉइंट
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फाइल फोटो – बद्रीनाथ धाम की
देहरादून। पर्यावरण के नुकसान को कम करने से ई-वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी को मद्देनजर रखते हुए उत्तराखंड में 22 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के लिए लगभग 900 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग को इलेक्ट्रिक तीर्थ कॉरीडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस कॉरीडोर में प्राइवेट इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हर 30 किमी पर चार्जिंग पॉइंट बनाए जा रहे हैं। यह देश का पहला इलेक्ट्रिक तीर्थ कॉरिडोर होगा।
ई-वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है। राज्य के सभी गेस्ट हाउस में भी चार्जिंग पॉइंट की सुविधा मिलेगी। इलेक्ट्रिक तीर्थ कॉरिडोर का सर्वे पूरा कर उस पर काम भी शुरू हो गया है। पैदल मार्ग पर हर किलोमीटर पर डॉक्टरों की टीम ऑक्सीजन के साथ तैनात रहेगी। पहली बार बीमार यात्रियों के लिए एयर एंबुलेंस सुविधा भी शुरू कर जा रही है।
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बिना रजिस्ट्रेशन प्रवेश की अनुमति नहीं
पिछली बार यात्रा के दौरान मौतों से सबक लेते हुए इस साल यात्रियों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कंपलसरी किया गया है। यात्रा के लिए 21 फरवरी से रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। बिना रजिस्ट्रेशन प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इस बार यात्रा में 80 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल होंगे।
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हर किलोमीटर पर चिकित्सा टीम तैनात
चारधाम यात्रा में लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए इस बार विशेष मेडिकल इंतजाम किए गए हैं। केदारनाथ के पैदल मार्ग पर हर एक किमी. पर मेडिकल पोस्ट बनाई गई है। हर मेडिकल पोस्ट में एक डॉक्टर और स्टाफ को तैनात किया जाएगा। पहली बार बीमार यात्रियों के लिए एयर एंबुलेंस सुविधा भी शुरू कर जा रही है।
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किराया भी बढ़ा
गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए खच्चर का दोतरफा किराया 5050 रु. से 5500 रु. हो गया है। दो लोगों की पालकी का किराया भी 9 हजार से 10 हजार रु. हो गया है। वहीं, हेलीकॉप्टर का किराया 7,750 रु. प्रति व्यक्ति है।
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