कर्नाटक में भाजपा को बड़ा झटका, चार बार के एमएलसी ने कांग्रेस में शामिल

-विधानसभा चुनाव के पहले दलों के बीच उठापटक शुरू

(फोटो : केएन)

बेंगलुरू। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच उठापटक शुरू हो गई है। गुरुवार को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है। यहां भाजपा से चार बार के विधान परिषद के सदस्य रहे दिग्गज नेता पुत्तन्ना ने पद और पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस जॉइन कर ली। उन्हें एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, एलओपी सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। बता दें कि एक दिन पहले ही पुत्तन्ना ने एमएलसी और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से ‘व्यक्तिगत कारणों’ का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। पुत्तन्ना विधान परिषद के चार बार के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने बेंगलुरु शहरी, बेंगलुरु ग्रामीण और रामनगर जिलों के शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। पुत्तन्ना को अक्टूबर 2020 में विधान परिषद के लिए दोबारा चुना गया था और उनका कार्यकाल अक्टूबर 2026 को खत्म होना था।

लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप

पुत्तन्ना ने पिछले दिनों कर्नाटक की सत्ताधारी भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। पुत्तन्ना ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसने उन्हें ये निर्णय लेने के लिए मजबूर कर दिया। बोले, ‘जिस सपने के साथ मैं भाजपा में शामिल हुआ था, वह घुटन के कारण साकार नहीं हो सका।’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार जनता की एक भी समस्या का समाधान नहीं कर रही है।

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भाजपा ने गठित की कमेटी, मुख्यमंत्री संभालेंगे प्रचार

कुछ माह बाद ही कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्ताधारी भाजपा आगामी चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव में प्रचार और प्रबंधन के लिए कमेटियों का गठन कर दिया है। इन कमेटियों की कमान मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई को सौंपी गई है। भाजपा ने चुनाव प्रबंधन के लिए भी कमेटियों का गठन कर दिया है और इन कमेटियों का नेतृत्व पार्टी की वरिष्ठ नेता शोभा करांदलाजे करेंगी। गौरतलब है कि चुनाव प्रचार समिति में पूर्व सीएम और पार्टी के कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा को भी जगह दी गई है। पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, जगदीश शेट्टार, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, शोभा करांदलाजे, पूर्व उप-मुख्यमंत्री केएस ईशवरप्पा को भी जगह दी गई है।

नगालैंड में 20 साल बाद नगरपालिका चुनाव का ऐलान

-महिलाओं को मिलेगा 33 फीसदी आरक्षण

कोहिमा। नगालैंड में 20 साल बाद नगरपालिका चुनाव होने जा रहे हैं। बता दें कि राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय शहरी निकाय चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। आयोग ने कहा है कि राज्य के 39 स्थानीय शहरी निकायों में चुनाव होगा। चुनाव में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। नगालैंड की नवनिर्वाचित नेफ्यू रियो सरकार की मंगलवार को पहली कैबिनेट बैठक हुई। इस कैबिनेट बैठक में भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 33 फीसदी महिला आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने पर विचार विमर्श किया गया। नगालैंड राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त टी महाबेमो यानथन ने बताया कि स्थानीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की शुरुआत 3 अप्रैल से होगी और यह 10 अप्रैल तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच 12 और 13 अप्रैल को होगी। वहीं नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 24 अप्रैल होगी। नगालैंड में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए 19 मई को वोट डाले जाएंगे। बता दें कि नगालैंड में आखिरी बार साल 2004 में स्थानीय निकाय चुनाव हुए थे लेकिन उसके बाद से नगा शांति वार्ता के कुछ अनसुलझे मुद्दों की वजह से स्थानीय निकाय चुनाव नहीं कराए जा सके।

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