18 मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालते हैं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री
- इधर, सिसोदिया 4 मार्च तक रहेंगे रिमांड में, वहीं दिल्ली सरकार के जल्द होना है बजट
(फोटो : मनीष)
नई दिल्ली। शराब घोटाले में नाम आने के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की पहले गिरफ्तारी और अब 4 मार्च तक सीबीआई रिमांड के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सिसोदिया न केवल सरकार बल्कि पार्टी के भीतर भी केजरीवाल के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं। मनीष जिनके पास एक दो नहीं बल्कि 18 महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी है। सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद से उनके विभागों की जिम्मेदारी भी सिसोदिया के पास थी। एक ओर दिल्ली में परीक्षा का दौर शुरू है तो वहीं अगले कुछ दिनों में बजट भी पेश किया जाना है। यानी, केजरी सरकार को भीतर और बाहर दोनों तरफ से चुनौती मिल रही है..
दिल्ली सरकार के भीतर किस प्रकार की चुनौती
दिल्ली सरकार के सभी महत्वपूर्ण कामकाज मनीष सिसोदिया ही देखते हैं। उनके मंत्रालयों में वित्त मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, योजना विभाग, भूमि और भवन, सेवा,श्रम, रोजगार, पीडब्लूडी, कला और संस्कृति,ऊर्जा, आवास, शहरी विकास, जल , सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण, इंडस्ट्रीज, आबकारी, स्वास्थ्य सहित कुछ और भी मंत्रालयों की जिम्मेदारी है जो किसी और मंत्री को आवंटित नहीं है।
अब बजट को लेकर सबसे बड़ा सवाल
सिसोदिया 4 मार्च तक सीबीआई रिमांड में रहेंगे। ऐसे में कुछ ही दिन बचे हैं जब दिल्ली सरकार का बजट पेश किया जाना है। बजट की तैयारियों को लेकर इस खबर से बहुत अधिक झटका लगा है। सीएम केजरीवाल को अब यह जल्द यह फैसला करना होगा कि अब बजट कौन पेश करेगा। आप सूत्रों के अनुसार राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत इस बार दिल्ली सरकार का बजट पेश कर सकते हैं।
मंत्रालयों का सवाल
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के विभागों की जिम्मेदारी सिसोदिया को दे दी गई थी। अब सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सीएम केजरीवाल के सामने एक और चुनौती आने वाली है। यदि यह मामला और आगे बढ़ता है तो इस बारे में फैसला करना होगा कि इन मंत्रालयों को कौन देखेगा।
पार्टी के सामने कई चुनौती
न केवल दिल्ली सरकार बल्कि पार्टी के अहम फैसले भी वह लेते थे। पार्टी की सभी छोटी-बड़ी गतिविधियों पर उनकी पूरी नजर रहती थी। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पार्टी अलग-अलग राज्यों में विस्तार कर रही है। यदि शराब घोटाले का पूरा मामला लंबा चलता है तो पार्टी की तैयारियों पर भी इसका असर पड़ेगा। दिल्ली के एक मंत्री के बाद दूसरे मंत्री के जेल जाने के बाद विपक्षी दल इस मामले को और भी अधिक उछालेंगे। ऐसे में पार्टी के भीतर और बाहर डबल चुनौती आने वाली है। और कई सवाल हैं जिनका जवाब भी देना होगा।
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