उद्धव गुट को एक और झटका, दफ्तर पर भी शिंदे का कब्जा

-सुप्रीम कोर्ट का भी तत्काल सुनवाई से इंकार

मुंबई। उद्धव ठाकरे के लिए सोमवार का दिन भी दोहरे झटके वाला रहा है। पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और उसका चुनाव निशान तीर-कमान एकनाथ शिंदे गुट को दिए जाने के फैसले के खिलाफ तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। इसके अलावा विधानसभा में स्थित शिवसेना के दफ्तर को भी एकनाथ शिंदे गुट के हवाले कर दिया है। एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायकों ने स्पीकर राहुल नार्वेकर से मुलाकात करके इसकी मांग की थी। इसके बाद स्पीकर ने यह फैसला लिया। इस तरह शिवसेना के हाथ से विधानसभा का दफ्तर चला गया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट के वकील से कहा कि इस मामले में तत्काल सुनवाई नहीं हो सकती। बेंच ने कहा कि आप कल अर्जी दाखिल करिए, फिर विचार करते हैं। उद्धव गुट की मांग थी कि शिवसेना का नाम और निशान एकनाथ शिंदे गुट को दिए जाने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ तत्काल सुनवाई होनी चाहिए। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जिस अर्जी पर तत्काल सुनवाई की मांग की जा रही है, वह लिस्ट में मेंशन ही नहीं थी। इसलिए कल इसे लिस्ट में मेंशन किया जाए और फिर सुनवाई पर विचार किया जाएगा। बता दें कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार शाम को शिवसेना के सिंबल और नाम को एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला दिया था।

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नहीं चुरा सकते ठाकरे नाम : उद्धव

चुनाव आयोग द्वारा शिंदे गुट को असली शिवसेना की मान्यता देने और चुनाव चिन्ह धनुष बाण देने के बाद से उद्धव ठाकरे गुट की सोमवार को मुंबई स्थित शिवसेना भवन में बैठक हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने उनके साथ न्याय नहीं किया। मुझसे मेरा सबकुछ चुरा लिया गया। पार्टी का नाम, पार्टी का चुनाव चिन्ह सब चुरा लिया गया लेकिन वह ठाकरे नाम नहीं चुरा सकते। सुप्रीम कोर्ट ही अब हमारी आखिरी उम्मीद है।

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