सीमाओं पर नजर नहीं डाल पाएगा दुश्मन, बनेंगे वाइब्रेट गांव, आईटीबीपी की 7 नई बटालियन

–केंद्रीय मंत्रिमंडल का बड़ा फैसला, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मंजूरी, 4800 करोड़ होंगे खर्च

इंट्रो

सीमाओं पर दुश्मन अब नजर नहीं डाल पाएगा। सीमांत गांवों को मजबूत करने केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने वाइब्रेट गांव तैयार करने का फैसला लिया है। इसके तहत गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। लोगों के लिए आजीविका के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इस नीति के तहत कुल 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में पड़ने वाले गांवों को कवर किया जाएगा, जो उत्तर भारत में आते हैं। इससे पलायन थमेगा और गांवों का विकास होने से आबादी बनी रहेगी। ऐसी स्थिति में चीन और पाकिस्तान जैसे प्रतिद्वंद्वी देशों से निपटने में मदद मिलेगी।

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के सामरिक महत्व के उत्तरी सीमावर्ती इलाकों के विकास के लिए केंद्र पोषित ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी, जिस पर 4800 करोड़ रुपए के खर्च का प्रावधान किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी। अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के दौरान लागू किया जायेगा। इसके लिये 4800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें 2500 करोड़ रुपए सड़कों के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ठाकुर ने कहा कि यह देश की उत्तरी सीमा के सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण है। इससे इन सीमावर्ती गांवों में सुनिश्चित आजीविका मुहैया करायी जा सकेगी जिससे पलायन रोकने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी। इस कार्यक्रम से चार राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेश के 19 जिलों और 46 सीमावर्ती ब्लाकों में आजीविका के अवसर और आधारभूत ढांचे को मजबूती मिलेगी। इससे उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्र में समावेशी विकास सुनिश्वित हो सकेगा। इस कार्यक्रम से यहां रहने वाले लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण अवसर प्राप्त हो सकेंगे। इससे समावेशी विकास हासिल करने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या को बनाए रखने में सहायता मिलेगी।

पहले चरण में 663 गांव

इस कार्यक्रम के पहले चरण में 663 गांवों को शामिल किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य उत्तरी सीमा के सीमावर्ती गांवों में स्थानीय, प्राकृतिक और अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक प्रेरकों की पहचान और विकास करना तथा सामाजिक उद्यमिता प्रोत्साहन, कौशल विकास तथा उद्यमिता के माध्यम से युवाओं व महिलाओं को सशक्त बनाना है।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम से क्या होगा–

स्थायी इको-एग्री बिजनेस के विकास पर ध्यान केंद्रीत किया जाएगा

केंद्रीय तथा राज्य योजनाओं की शत-प्रतिशत पूर्णता सुनिश्चित की जाएगी

सभी मौसमों के अनुकूल सड़क, पेयजल, 24 घंटे सौर तथा पवन ऊर्जा पर केंद्रित विद्युत

मोबाइल तथा इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटक केंद्र, बहुद्देशीय सेंटर पर जोर

स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर के विकास पर दिया जाएगा ध्यान

9400 अतिरिक्त जवानों की भर्ती

यही नहीं सीमाओं की सुरक्षा के लिहाज से केंद्र सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है। भारत और चीन की सीमाओं पर तैनात रहने वाले अर्धसैनिक बल आईटीबीपी की 7 और बटालियनों का गठन किया जाएगा। इसके तहत कुल 9400 अतिरिक्त जवानों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा एक ऑपरेशनल बेस भी तैयार किया जाएगा। माना जा रहा है कि चीन की सीमा पर मुस्तैदी बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया जा रहा है। गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक में मोदी सरकार ने चीन से लगती सीमाओं पर सैनिकों की संख्या में बड़ा इजाफा किया है।

2 लाख सहकारी संस्थाओं की स्थापना

सरकार ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इसके तहत देश भर में डेयरी और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में करीब 2 लाख सहकारी संस्थाओं की स्थापना की जाएगी। फिलहाल देशभर में करीब 63,000 पैक्स समितियां सक्रिय हैं। सरकार देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूती देने के लिए जमीनी स्तर पर सहकारी समितियों का गठन करना चाहती है।

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