–विशेषज्ञ समिति गठित करने के सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव से सहमत
–वित्त मंत्रालय और सेबी से 13 फरवरी तक मांगा था जवाब, 17 को फिर बुलाया
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इंट्रो
हिंडनबर्ग-अदानी मामले में केंद्र सरकार एक्सपर्ट कमेटी बनाने के लिए तैयार हो गई है। केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नियामक तंत्र को मजबूत करने को लेकर विशेषज्ञ समिति स्थापित करने के प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं है। केंद्र ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में नियामक तंत्र पर प्रस्तावित समिति के लिए विषय विशेषज्ञों के नाम देना चाहता है।
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट के मामले की सुनवाई कर रहा था। केंद्र सरकार ने हालांकि सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि व्यापक हित को देखते हुए वह सीलबंद लिफाफे में समिति के लिए विशेषज्ञों के नाम और उसके कार्यक्षेत्र की जानकारी देना चाहती है। केंद्र सरकार और सेबी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बाजार नियामक और अन्य वैधानिक इकाइयां हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद उपजी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, सरकार को समिति बनाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों के नामों का सुझाव हम दे सकते हैं। हम सीलबंद लिफाफे में नाम सुझा सकते हैं। मेहता ने आशंका जताई कि पैनल की स्थापना पर किसी भी ‘अनजाने’ संदेश का धन प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। शीर्ष अदालत ने निवेशकों को नुकसान पहुंचाने और अदाणी समूह के शेयरों को कृत्रिम तरीके से गिराने संबंधी दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) की शुक्रवार सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी समूह के शेयर बाजारों में गिरावट की पृष्ठभूमि में 10 फरवरी को कहा था कि भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा की जरूरत है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित कर नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विचार करने के लिए कहा था।
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सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाने का दिया था निर्देश
इससे पहले, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत तंत्र होना चाहिए कि शेयर बाजार में भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा हो। अदालत ने नियामक तंत्र को मजबूत करने के लिए केंद्र से एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में क्षेत्र के विशेषज्ञों की समिति के गठन पर विचार करने के लिए कहा।
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दो तरह की याचिकाएं
00 वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर जनहित याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच के लिए सुप्रीम के रिटायर्ड जस्टिस की निगरानी में समिति गठित करने का केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है। रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह की कंपनियों के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं।
00 वकील एम.एल. शर्मा ने एक अन्य याचिका दायर की है। इसमें अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ के नाथन एंडरसन के खिलाफ निर्दोष निवेशकों का शोषण करने और अडानी समूह के शेयर के मूल्य को कृत्रिम तरीके से गिराने के लिए मुकदमा चलाने की मांग की गई थी।
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क्या है मामला
दरअसल, हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इसमें अदाणी समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। हालांकि, अदाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह सभी कानूनों और सूचना सार्वजनिक करने संबंधी नीतियों को पालन करता है।
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इधर, ऐसा असर
अदाणी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में गिरावट
अदाणी ग्रुप की 10 लिस्टेड कंपनियों के सभी शेयरों में आज गिरावट देखने को मिली। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर सबसे ज्यादा 7.63% गिरे। इसके अलावा ट्रांसमिशन, पोर्ट्स, विल्मर, पावर, टोटल गैस, ग्रीन एनर्जी, अंबुजा सीमेंट और एनडीटीवी में करीब 5% की गिरावट देखने को मिली। एससीसी के शेयर में 3% से ज्यादा की गिरावट आई।
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अमीरों की लिस्ट में 23वें नंबर पर अडाणी
अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में गिरावट के चलते सोमवार को ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी की नेटवर्थ गिरकर 4.49 लाख करोड़ रुपए (54.4 अरब डॉलर) पर आ गई। यह एक दिन पहले तक 4.78 लाख करोड़ रुपए (58 अरब डॉलर) थी। इस गिरावट के चलते वो फोर्ब्स के रियल टाइम बिलेनियर लिस्ट में 23वें नंबर पर आ गए हैं। आज उनकी नेटवर्थ में 29.77 हजार करोड़ रुपए की कमी आई है।
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