-भारत समेत अन्य देशों के आईटी पेशेवरों को मिलेगी मदद
(फोट : वीजा)
नई दिल्ली। एच-1बी और एल1 वीजा धारक हजारों विदेशी तकनीकी कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए अमेरिका पायलट आधार पर कुछ श्रेणियों में ‘घरेलू वीजा पुन: सत्यापन’ प्रक्रिया फिर से शुरू करने की योजना बना रहा है। इस साल के अंत में शुरू होने वाली पायलट परियोजना जब पूरी तरह से लागू हो जाएगी तो संयुक्त राज्य अमेरिका में हजारों भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी। 2004 तक गैर-आप्रवासी वीजा की कुछ श्रेणियों विशेष रूप से एच 1 बी को अमेरिका के अंदर नवीनीकृत या मुद्रित किया जा सकता था। उसके बाद से यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी। 2004 के बाद इस तरह वीजा के नवीनीकरण के लिए विशेष रूप से एच -1 बी पर रहने वाले विदेशी तकनीकी कर्मचारियों को देश से बाहर जाना पड़ता है। ज्यादातर लोगों को अपने पासपोर्ट पर एच-1 बी की अवधि विस्तार के लिए मुहर लगवाने अपने देश जाना पड़ता है। सभी एच-1बी वीजा धारकों के लिए जब उनके वीजा का नवीनीकरण किया जाता है तो उन्हें अपने पासपोर्ट पर मुहर लगाने की आवश्यकता होती है। यह जरूरी है अगर वे अमेरिका के बाहर यात्रा करना चाहते हैं या अमेरिका में फिर से प्रवेश करना चाहते हैं। अभी तक अमेरिका में एच-1बी वीजा के नवीकरण की अनुमति नहीं है। रिस्टैम्पिंग केवल किसी भी अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में ही की जा सकती है। यह विदेशी अतिथि श्रमिकों और उनके कर्मचारियों के लिए भी एक बड़ी असुविधा थी। खासकर ऐसे समय में जब वीजा प्रतीक्षा समय 800 दिनों या दो साल से अधिक है। एच-1बी वीजा एक बार में तीन साल के लिए जारी किए जाते हैं। एच-1बी वीजा एक गैर-आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर करती हैं। गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हम कुछ याचिका-आधारित एनआईवी श्रेणियों के लिए इस सेवा को फिर से शुरू करने की योजना पर गंभीरता से काम कर रहे हैं, और हमें इस साल के अंत में एक पायलट योजना शुरू होने की उम्मीद है। इससे इन आवेदकों को वीजा के नवीनीकरण के लिए विदेश यात्रा करने की जरूरत खत्म हो जाएगी।
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चीन समेत छह देशों से भारत आने वालों यात्रियों को नियमों में छूट
भारत सरकार ने कोरोना की वजह से छह देशों के लिए अनिवार्य किए गए नियमों में राहत दे दी है। अब इन देशों से आने वाले यात्रियों को कोरोना की जांच रिपोर्ट और ‘एयर सुविधा’ फॉर्म को अपलोड करने के नियम से राहत दे दी है। जिन छह देशों से आने वाले या इन देशों से होकर आने वाले यात्रियों को सहूलियत दी गई है, उनमें चीन, सिंगापुर, हांगकांग, कोरिया, थाईलैंड और जापान शामिल हैं। हालांकि, दो फीसदी यात्रियों की होने की वाली रेंडम टेस्टिंग जारी रहेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित गाइडलाइन के बारे में अवगत कराया है।
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