चमत्कार नहीं साजिश थी त्र्यंबकेश्वर में शिवलिंग पर जमी बर्फ

  • तीन पुजारियों की थी कारस्तानी, केस दर्ज
  • गर्भगृह के तापमान को देखते हुए लोगों ने जताया था संदेह

(फोटो : त्रयंब्केश्वर)

नासिक। बीते साल 30 जून को त्र्यंबकेश्वर मंदिर में पिंडी पर बर्फ की परतें जमने की खबर सोशल मीडिया खूब चर्चा में रही थी। इसका एक वीडियो भी काफी वायरल हुआ था। इसके जरिए दावा किया जा रहा था कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर की पिंडी पर बर्फ जमा हो गई। जांच के दौरान ये मामला फर्जी पाया गया है। साथ ही इसमें तीन पुजारी आरोपी पाए गए हैं।

गौरतलब है कि वायरल वीडियो में मंदिर में बर्फ जमने के मामले में कई लोगों ने जलवायु और गर्भगृह के तापमान को देखते हुए संदेह जताया था। महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने मांग की थी कि इस मामले में मंदिर के सीसीटीवी फुटेज देखकर तथ्य सामने रखे जाएं। लेकिन मंदिर प्रशासन ने फुटेज सार्वजनिक करने से मना किया था।

पुजारियों ने ही पिंडी पर डाली थी बर्फ

इसके बाद मामले में जांच समिति का गठन किया गया और सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। इस दौरान पता चला कि मंदिर के तीन पुजारियों ने ही यह बर्फ पिंडी पर डाली थी। इसके बाद गर्भगृह के पुजारी सुशांत तुंगार और उसके मददगारों आकाश तुंगार और उल्हास तुंगार के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (3), 417 और 120 (बी) के तहत केस दर्ज किया गया।

आस्था से खिलवाड़

इस संबंध में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति और सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णा चांडगुडे ने कहा कि लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। समिति ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। साथ ही कहा कि इस बात की जांच भी होनी चाहिए कि मामले में केस दर्ज करने में 8 माह का समय क्यों लगा। समिति ने पुलिस-प्रशासन से जादू-टोना विरोधी अधिनियम की धारा लगाने का अनुरोध भी किया। इस पूरे मामले में त्रंबकेश्वर मंदिर ट्रस्ट ने सिर्फ ये कहा है कि उचित समय पर बयान जारी करेंगे।

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