—-राहुल के वार पर प्रधानमंत्री ने संसद में विपक्ष को ऐसे दिखाई जमीन
काका हाथरसी के दोहे, बाघ-शिकारी की कहानी और दुष्यंत कुमार के शेर से विपक्ष पर साधा निशाना
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पीएम बोले-140 करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद का सुरक्षा कवच, जिसे कोई भेद नहीं सकता
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इंट्रो
लोकसभा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर सियासी तीर छोड़े। पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधने के लिए काका हाथरसी के एक दोहे, दुष्यंत कुमार का एक शेर और बाघ और शिकारी की एक कहानी भी सुनाई। कांग्रेस का नाम लिए बिना उसके घटते जनाधार पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रसिद्ध कवि दुष्यंत की पंक्तियां पढ़ीं, तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल यह है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं…।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि देश की जनता नकारात्मकता स्वीकार नहीं कर सकती और उनके ऊपर लगाए गए ‘झूठे आरोपों’ पर कभी भरोसा नहीं करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके पास 140 करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद का सुरक्षा कवच है जिसे कोई भेद नहीं सकता। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के 2004 से 2014 तक का काल आजादी के इतिहास में सबसे अधिक घोटालों का दशक रहा है और संप्रग सरकार के इन दस साल के कार्यकाल में कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोने में भारत के लोग असुरक्षित महसूस करते थे। प्रधानमंत्री के सदन में जवाब के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि लोकसभा में मोदी ने जो वक्तव्य दिया उसमें सच्चाई नहीं थी और वह उद्योगपति गौतम अडाणी का बचाव कर रहे हैं।
मोदी ने 2जी, सीडब्ल्यूजी और अन्य घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि इन दस साल में वैश्विक मंचों पर भारत की साख इतनी कमजोर हो गयी थी कि दुनिया उसकी बात सुनने को तैयार नहीं थी। अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर कांग्रेस सहित विपक्ष के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन पर लोगों का भरोसा अखबार की सुर्खियों और टेलीविजन पर चमकते चेहरों से नहीं हुआ है बल्कि उन्होंने देश के लिए पूरा जीवन खपा दिया है, पल-पल खपा दिया है तथा देश के लोग झूठे आरोपों पर भरोसा नहीं करने वाले हैं। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा, देशवासियों का जो मोदी पर भरोसा है वो इनकी (विपक्ष की) समझ से बाहर है और इनकी समझ से ऊपर की बात है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा कि जो अहंकार में डूबे रहते हैं, उनको लगता है कि मोदी को गाली देकर ही हमारा रास्ता निकलेगा और गलत आरोप लगा कर ही आगे बढ़ पाएंगे। प्रधानमंत्री के जवाब के दौरान सदन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे। कांग्रेस का नाम लिये बिना उसके घटते जनाधार पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रसिद्ध कवि दुष्यंत की पंक्तियां पढ़ीं, तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल यह है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं…। मोदी ने कहा कि इनकी गालियां और इनके आरोपों को उन कोटि-कोटि भारतीयों से होकर गुजरना पड़ेगा, जिनको दशकों तक मुसीबत में जिंदगी जीने के लिए इन्होंने मजबूर किया। उन्होंने कहा, कुछ लोग अपने लिए और अपने परिवार के लिए जी रहे हैं, लेकिन मोदी देश के 25 करोड़ परिवारों के लिए जी रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक विचारधाराएं अलग हो सकती हैं लेकिन यह देश अजर-अमर है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो लोग गांधी के नाम पर बार-बार रोटी सेंकने का प्रयास करते हैं, वे एक बार गांधी को पढ़ लें। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की जिन माताओं, बहनों, बेटियों को उज्ज्वला योजना, जनता को मुफ्त अनाज, आवास आदि योजनाओं का लाभ मिला हो, वे ऐसी गालियों, झूठे आरोपों पर कैसे भरोसा करेंगे। अपने लगभग डेढ़ घंटे के भाषण में मोदी ने कहा कि दुनिया में कोरोना महामारी सहित अनेक संकटपूर्ण हालात के बीच देश को जिस तरह से संभाला गया, उससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है एवं पूरे विश्व में भारत को लेकर सकारात्मकता, आशा और भरोसा है। प्रधानमंत्री के जवाब के बाद सदन ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसी के साथ इस प्रस्ताव पर लाये गये विपक्षी सदस्यों के विभिन्न संशोधन प्रस्तावों को सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया। भारत राष्ट्र समिति के सदस्यों ने प्रधानमंत्री का जवाब शुरू होने से पहले सदन से बहिर्गमन किया।
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काका हाथरसी की बातें कही
पीएम ने कहा काका हाथरसी ने बड़ी मजेदार बात कही थी- ‘आगा-पीछा देखकर, क्यों होते गुमगीन, जैसी जिसकी भावना, वैसा दिखे सीन। ये निराशा भी ऐसे नहीं आई।’
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कहानी सुनाकर साधा विपक्ष पर निशाना
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जंगल में गए दो नौजवानों की एक कहानी सुनाकर भाजपा की पूर्ववर्ती सरकारों और विपक्षी दलों पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहानी सुनाते हुए कहा एक बार जंगल में दो नौजवान शिकार करने गए थे और वो गाड़ी में अपनी बंदूक रखकर नीचे उतरकर टहलने लगे, लेकिन गए तो बाघ का शिकार करने थे। उन्होंने सोचा था कि आगे बाघ दिखेगा, लेकिन बाघ वहीं आ गया। अब करें क्या, उन्होंने बाघ को लाइसेंस दिखाया कि देखो हमारे पास बंदूक का लाइसेंस है। उन्होंने इसी तरह बेरोगजारी दूर करने के नाम पर कानून दिखा दिया। अपने तरीके से पल्ला झाड़ दिया।
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अदाणी पर कुछ नहीं, कोरोना पर ऐसे बोल
प्रधानमंत्री ने अपने जवाब में अडाणी समूह के मामले या जेपीसी की मांग पर कुछ नहीं कहा। कोरोना महामारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 100 साल में आई हुई यह भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति, बंटा हुआ विश्व…इस स्थिति में भी, संकट के माहौल में, देश जिस प्रकार से संभला है, इससे पूरा देश आत्मविश्वास और गौरव से भर रहा है।
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राहुल की कश्मीर यात्रा पर कसा तंज
राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के क्रम में उनके कश्मीर जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जो हाल में जम्मू-कश्मीर घूम कर आए हैं वो भी अब देख सकते हैं कि वहां कितनी आन-बान-शान से घूमा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछली शताब्दी के उत्तरार्द्ध में वह स्वयं भी यात्रा लेकर कश्मीर गए थे और तब आतंकवादियों ने पोस्टर लगाए थे कि- कौन है ऐसा, जिसने मां का दूध पिया है, जो लाल चौक पर तिरंगा लहराएगा। मोदी ने कहा कि उन्होंने उस वर्ष 23 जनवरी को ऐलान किया था कि 26 जनवरी को 11 बजे वह लाल चौक पर जाएंगे और सुरक्षा तथा बुलेट प्रूफ जैकेट के बिना वहां जाकर तिरंगा फहरायेंगे, फिर देखेंगे कि किसने मां का दूध पीया है।
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राहुल बोले-भाषण में सच्चाई नहीं
प्रधानमंत्री के सदन में जवाब के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, भाषण में सच्चाई नहीं है। अगर (अडाणी) मित्र नहीं हैं तो यह कह देते कि जांच होगी। राहुल ने ट्वीट भी किया, न जांच कराएंगे, न जवाब देंगे। प्रधानमंत्री जी बस अपने मित्र का साथ देंगे।
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राहुल ने लगाया था आरोप
गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडाणी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए मंगलवार को लोकसभा में आरोप लगाया था कि 2014 में केंद्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी के आने बाद ऐसा ‘असली जादू’ हुआ कि आठ वर्षों के भीतर उद्योगपति गौतम अडाणी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। सत्तापक्ष के सदस्यों की टोका-टोकी के बीच कांग्रेस नेता ने दावा किया था, ‘‘देश की सरकार की मदद से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हजारों करोड़ रुपया अडाणी जी को मिलता है। उनका कहना था, ‘‘हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है कि अडाणी जी की विदेश में शेल कंपनियां हैं। इन शेल कंपनियों से भारत में जो पैसा आ रहा है, वह किसका है?
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