- यूपी में योगी की पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई
लखनऊ। लखनऊ के वृंदावन योजना सेक्टर में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन के दौरान रामचरितमानस की फोटोकॉपी जलाने के आरोप में जेल में बंद दो लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है। पुलिस ने बताया कि 29 जनवरी को यहां पीजीआई पुलिस थाने में दर्ज मामले के संबंध में जिलाधिकारी ने जेल में बंद मोहम्मद सलीम और सत्येंद्र कुशवाहा के खिलाफ रासुका लगाया है। सतनाम सिंह लवी नामक व्यक्ति की शिकायत पर यहां पीजीआई थाने में केस दर्ज किया गया था। आरोप है कि रामचरितमानस की प्रतियां जलाने से शांति एवं सद्भाव को खतरा है। इसमें सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह, सत्येंद्र कुशवाहा, देवेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, सुरेश सिंह यादव, संतोष वर्मा, मो. सलीम और अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से पांच आरोपियों सत्येंद्र कुशवाहा, यशपाल सिंह लोधी, देवेंद्र प्रताप यादव, सुरेश सिंह और मोहम्मद सलीम को 30 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
मौर्य की मांग
आरोप है कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा संगठन के कार्यकर्ताओं ने पिछले रविवार को महिलाओं और दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों के उल्लेख वाले श्रीरामचरितमानस’ के पन्नों की कॉपियां जलाई थीं। गौरतलब है कि अन्य पिछड़ा वर्गों के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाने वाले सपा के विधान परिषद सदस्य तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल में यह आरोप लगाकर एक विवाद खड़ा कर दिया कि श्रीरामचरितमानस की कुछ चौपाइयों में जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का अपमान किया गया है। उन्होंने इन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
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