सट्टे की लत लगाकर कर्ज में फंसाकर 3000 फीसदी तक वसूलते थे कर्ज
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में चीनी ऐप्स के जरिए लिए गए कर्ज को चुका पाने में असमर्थ कर्जदारों की आत्महत्याओं के बाद चीन के खिलाफ भारत ने बड़ी कार्रवाई की है। चीनी लिंक वाले सट्टेबाजी और कर्ज देने वाले ऐप्स के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने 138 सट्टेबाजी ऐप्स और 94 लोन देने वाले कुल मिलाकर 232 ऐप्स को तत्काल बैन और ब्लॉक करना शुरू कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन ऐप्स को ब्लॉक करने के बारे मंर एक निर्देश मिला। सूत्रों ने यह भी पुष्टि की कि इन ऐप्स को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बता दें कि ये ऐप्स भारतीयों को फंसाने के लिए खामियों का फायदा उठा रहे थे। ये लोग पहले सट्टेबाजी की लत लगवाते और उसके बाद उसी व्यक्ति को कर्ज देकर अपने जाल में फंसाते थे। ये ऐप्स देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहे थे। इन ऐप्स पर आईटी अधिनियम की धारा 69 लागू होती है। क्योंकि इनमें ऐसी सामग्री है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली है। अब इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन ऐप्स को ‘इमरजेंसी ब्लॉक’ करने की गृह मंत्रालय की सिफारिश पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
चीनी ऐप कर रहे थे ये गड़बड़ी
बता दें कि ये सभी चीनी ऐप आईटी एक्ट की धारा 69 का उल्लंघन कर रहे थे। इनमें ऐसी सामग्री है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है। कई लोगों ने शिकायत की थी कि उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। आम लोगों ने जबरन वसूली की बात कही थी। इन चीनी ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई का ये भी एक कारण है।
3000 फीसदी तक वसूला जा रहा था ब्याज
जानकारी के मुताबिक, बैन की गईं इन एप्स के पीछे चीनी दिमाग था। इन एप्स का डायरेक्टर भारतीयों को बनाया गया था। आर्थिक रूप से तंग लोगों को ये ऐप कर्ज के जाल में फंसाते थे और फिर कर्ज के ब्याज को 3,000 फीसदी तक बढ़ा दिया जाता था। जांच में सामने आया कि 94 ऐसे ऐप हैं जो लोन देते हैं। इनमें से कुछ ऐप ई-स्टोर्स पर उपलब्ध थे और कुछ थर्ड पार्टी लिंक के जरिए काम करते थे।
भारतीय नागरिकों के डेटा की सुरक्षा को खतरा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छह महीने पहले 2 इन ऐप की जांच शुरू की थी। जांच में पाया कि भारतीय नागरिकों के डेटा की सुरक्षा को खतरा भी हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था।
ऐप्स को जासूसी उपकरण में बदलने की क्षमता
जांचकर्ताओं ने ये भी पाया कि सर्वर-साइड सिक्योरिटी का दुरुपयोग करके इन ऐप्स को जासूसी उपकरण में बदलने की क्षमता है। क्योंकि इन ऐप्स के पास भारतीयों के महत्वपूर्ण डेटा तक पहुंच है। ऐसे डेटा तक पहुंच का उपयोग बड़े पैमाने पर निगरानी के लिए किया जा सकता है। इन ऐप्स का जासूसी और प्रोपेगेंडा के औजार के रूप में भी दुरुपयोग किया जा सकता है।
कर्जदारों को भेजे गए भद्दे संदेश
गौरतलब है कि बैन किए गए लगभग सभी ऐप चीनी नागरिकों ने तैयार किए थे। जिन्होंने भारतीयों को काम पर रखा और उन्हें कामकाज की जिम्मेदारी सौंपी। जब कर्जदार पूरा कर्ज तो दूर ब्याज चुकाने में असमर्थ हो गए, तो इन ऐप्स के लोगों ने कर्जदारों को परेशान करने का सिलसिला शुरू कर दिया। इन ऐप्स से कर्जदारों को भद्दे संदेश भेजे गए, उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरों को जारी करने की धमकी दी गई और उन्हें अपने संपर्कों को संदेश भेजकर शर्मसार किया गया।
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