नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह को लेकर संसद से लेकर बाजार तक हंगामा मचा हुआ है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद डाउ जोंस यानि यूएस शेयर बाजार ने अपने स्थिरता सूचकांक से अडाणी के शेयरों को 7 फरवरी से हटाने का फैसला किया है। इस पूरे मामले के बाद गौतम अडाणी दुनिया के रईसों की लिस्ट में 21वें स्थान पर पहुंच गए हैं। इधर, अडाणी मामले की जांच जेपीसी से कराने की मांग करते हुए विपक्ष ने दोनों सदनों में जमकर हंगामा मचाया। विपक्षी दलों के हंगामे के बाद लोकसभा व राज्यसभा की कार्रवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट व शेयरों में गिरावट के बाद अमेरिकी बाजार के इंडेक्स अनाउंसमेंट में कहा गया है कि 7 फरवरी से कंपनी के शेयर डाउ जोंस स्थिरता सूचकांक से हटा दिए जाएंगे। इस घटनाक्रम के कारण अदाणी एंटरप्राइजेस के शेयर जो 3442 रुपये प्रति शेयर के भाव पर करोबार कर रहे थे वे 1565 रुपये प्रति शेयर के भाव तक लुढ़क गए हैं। कंपनी के शेयरों में 55 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई है। हालांकि इन सबके बीच अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में निचले स्तरों से 55 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई।
शुक्रवार को अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में निचले स्तरों से 55 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई। इसके शेयर 1586 रुपये के स्तर पर बंद हुए।
एलआईसी, एसबीआई की पूंजी खतरे में : विपक्ष
विपक्ष आरोप लगा रहा है कि लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत देश की जिन सरकारी वित्तीय संस्थाओं और बैंकों ने अडानी ग्रुप में निवेश किया है या ग्रुप की कंपनियों को कर्ज दिए हैं, उनकी पूंजी अब खतरे में है। अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट और उनमें सरकारी संस्थानों और बैंकों के निवेश के पूरे मामले का सच तभी सामने आ सकता है, जब उसकी जांच साझा संसदीय समिति से या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराई जाए।
विपक्ष जनता के साथ, मोदी अडाणी के साथ : कांग्रेस
कांग्रेस ने इस बारे में ट्वीट करके हुए लिखा, “2 दिन हो गए। संयुक्त विपक्ष अडानी मामले में सदन में चर्चा की मांग कर रहा है।लेकिन… मोदी चर्चा से भाग रहे हैं, मित्र को बचा रहे हैं। डर किस बात का?” अलग-अलग तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, “विपक्ष जनता के साथ, पीएम मोदी मोदी अडाणी के साथ। एलआईसी, एसबीआई में लगा देश के लोगों का पैसा डूब रहा है। विपक्ष जनता की आवाज सदन में उठाना चाहता है, उनकी चिंताओं पर चर्चा चाहता है।
पीएम के दबाव में दिया गया धन : जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सरकारी संस्थानों और बैंकों के निवेश के पूरे मामले का सच तभी सामने आएगा जब उसकी जांच साझा संसदीय समिति से या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराई जाए। रमेश ने कहा कि इन संस्थाओं ने प्रधानमंत्री के दबाव में अडाणी ग्रुप में निवेश किया है। कांग्रेस द्वारा बुलाई गई बैठक में 16 विपक्षी दलों के नेता उपस्थित रहे।
सरकार का जवाब- इस मामले से कोई लेना-देना नहीं
अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों को लेकर संसद के दोनों सदनों में जारी हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। विपक्ष इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा है, क्योंकि उनके पास कोई दूसरा मुद्दा नहीं है। संसद में पत्रकारों से बात करते हुए, अडाणी समूह के मुद्दे पर सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि सरकार का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
रेटिंग पर फिलहाल असर नहीं
अडानी ग्रुप के शेयर में भारी उठा-पटक के बीच पूरे समूह के लिए राहत भरी खबर आई है. जी हां, फिच रेटिंग्स की तरफ से शुक्रवार को कहा गया कि अडाणी ग्रुप पर धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाली ‘शॉर्ट सेलर’ की रिपोर्ट के बाद ग्रुप की कंपनियों और उनकी सिक्योरिटी की रेटिंग पर फिलहाल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अडाणी अमीरों की लिस्ट में 22वें नंबर पर पहुंचे
इससे पहले ब्लूमबर्ग की बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार शुक्रवार की सुबह गौतम अडाणी टॉप 20 अमीरों लिस्ट से बाहर होकर फिलहाल 22वें नंबर पर पहुंच गए। अडाणी समूह के मुखिया गौतम अडाणी को एक ही दिन में करीब 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। वहीं दूसरी ओर फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग की संपत्ति में 12.5 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है और वे दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 13वें स्थान पर पहुंच गए हैं।
अदाणी की नेटवर्थ 58 अरब डॉलर घटी
सितंबर में अदाणी की नेटवर्थ 155.7 अरब डॉलर थी। सोमवार को नेटवर्थ 92.7 अरब डॉलर रही। दिसंबर तक दुनिया के शीर्ष अमीरों में केवल अदाणी ऐसे अमीर थे, जिनकी संपत्ति में पिछले साल उछाल आया था। अदाणी अब दुनिया के अमीरों में 15वें नंबर पर खिसक गए हैं।
हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट में क्या है?
25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अदाणी समूह के संस्थापक गौतम अदाणी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े हैं।

