सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजे गए नामों पर10 दिन में फैसला लेने को कहा है
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के मसले पर केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए, 10 दिन का वक्त दिया है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस. ओका केंद्र सरकार द्वारा जजों की नियुक्ति से संबंधित कॉलेजियम की सिफारिश को अप्रूव करने में देरी के मसले पर सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल एन. वेंकटरमणि से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने जिन 5 नामों को सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति के लिए केंद्र को भेजा है, वह कब नोटिफाई होगा? इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जल्दी ही नोटिफाई कर दिया जाएगा।
केंद्र की ओर से एजी ने कहा हम कॉलेजियम की सिफारिशों पर निर्णय कर रहे हैं। इस पर जस्टिस कौल ने कहा कि हम कर रहे हैं और हम करेंगे, दोनों में फर्क होता है। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले में 13 फरवरी को सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कोर्ट से कहा कि सुप्रीम कोर्ट में खाली पदों की भर्ती पर रविवार तक फैसला हो जाएगा।
इन नामों की कॉलेजियम ने की है सिफारिश
कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को सर्वोच्च अदालत में पदोन्नति के लिए पांच न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की थी। इनमें राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी. वी. संजय कुमार, पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनोज मिश्रा शामिल हैं।
जस्टिस से एजी बोले- टाइम लाइन नहीं दे सकते
अटॉर्नी जनरल एन. वेंकटरमणि ने कहा कि जहां तक सुप्रीम कोर्ट के लिए अनुशंसित 5 नामों की बात है, इनका वारंट 5 दिनों के भीतर ईशू कर दिया जाएगा। एजी ने कहा कि आप टाइम रिकॉर्ड ना करें, लेकिन यह प्रक्रिया में है। इस पर जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि हो तो रहा है लेकिन कब होगा? पिछले कई सालों से चीजें हो ही नहीं रही हैं। इस पर एजी ने कहा कि मैं बस यह कह रहा हूं कि कोई टाइमलाइन नहीं दे सकते हैं, लेकिन हर पल इस पर काम हो रहा है।
आपको 10 दिन का वक्त दे रहे हैं…
एजी की बात सुनने के बाद जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि आप हमें कड़े फैसले लेने के लिए बाधित करेंगे। मुझे उम्मीद है कि आप नए रिकमेंडेशन में कुछ कहना चाहते हैं, लेकिन ट्रांसफर के मामले, गंभीर मुद्दा हैं। हमें कड़ा स्टैंड लेने के लिए मजबूर ना करें…। इस पर एजी ने कुछ वक्त मांगा। जस्टिस कौल ने कहा कि ठीक है… हम आपको 10 दिनों का वक्त दे रहे हैं, और आपकी बात मान रहे हैं। उम्मीद है गुड न्यूज सुनाएंगे।
केंद्र ने लौटा दीं 18 सिफारिशें, 64 अभी भी पेंडिंग
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार के पास कॉलेजियम द्वारा भेजी गईं 64 सिफारिशें अभी पेंडिंग हैं जबकि सरकार ने 18 सिफारिशें लौटा दी हैं। केंद्र सरकार ने अब तक जिन 18 नामों को वापस लौटाया है, उनमें से 7 को कॉलेजियम ने दोबारा भेजा है। रिजिजू ने यह भी बताया कि देश के उच्च न्यायालयों में जजों के कुल 1,108 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 333 अभी खाली हैं।
जजों की नियुक्ति पर कई महीने से तकरार
आपको बता दें कि जजों की नियुक्ति के मसले पर पिछले कई महीनों से एक तरीके से केंद्र सरकार और कॉलेजियम के बीच तनातनी जैसी स्थिति बनी है। केंद्र सरकार ने कई नाम लौटा दिए थे और अलग-अलग तर्क दिया था। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले दिनों सरकार को बकायदा रिजेक्शन का जवाब दिया था, जिसमें आईबी और रॉ की रिपोर्ट का भी हवाला था।
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