—पीएम मोदी पर आधारित बीबीसी के विवादित डॉक्यूमेंट्री बना मुद्दा
—जामिया में हिरासत में लिए गए 70 छात्र, टल गई स्क्रीनिंग
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इंट्रो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सीरीज का विवाद देश की यूनिवर्सिटीज में भी पहुंच गया है। मंगलवार की रात जेएनयू में स्क्रीनिंग को लेकर जमकर बवाल हुआ। बुधवार को जामिया यूनिवर्सिटी में इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर खूब उपद्रव हुआ। यहां 70 छात्र हिरासत में लिए गए। इसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में हंगामा हुआ।
नई दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में दिल्ली पुलिस ने 70 से अधिक ऐसे छात्रों को हिरासत में लिया है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बने बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र को दिखाने की घोषणा के बाद चार छात्रों को हिरासत में लिए जाने का विरोध करने के लिए एकत्र हुए थे। ऐसा दावा वाम समर्थित छात्र संगठन ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ ने किया है। परिसर के बाहर छात्र जमा थे, वहीं बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। त्वरित कार्रवाई बल के जवानों को भी गेट पर तैनात किया गया है। एसएफआई की दिल्ली राज्य कमेटी के सचिव प्रीतीश मेनन ने दावा किया कि पुलिस ने वहां एकत्र प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने से कहा, हम प्रदर्शन शुरू करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। उन्हें थाने ले जाया गया। इससे पहले एसएफआई की जामिया इकाई ने एक पोस्टर जारी किया जिसके अनुसार एससीआरसी लॉन गेट नंबर 8 पर शाम छह बजे वृत्तचित्र दिखाया जाना था। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्होंने चार छात्रों को हिरासत में लिया है। विश्व विद्यालय प्रशासन ने कहा कि स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी और वे विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण अकादमिक माहौल को तबाह करने के निहित स्वार्थ वाले लोगों तथा संगठनों को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बयान में कहा कि वृत्तचित्र के प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गयी है और इसे प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा।
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विवि प्रशासन ने छात्रों को दी चेतावनी
विश्वविद्यालय ने कहा, विश्वविद्यालय प्रशासन के संज्ञान में आया है कि एक राजनीतिक संगठन से जुड़े कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में एक विवादित वृत्तचित्र के प्रदर्शन के बारे में पोस्टर बांटे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले एक पत्र जारी कर कहा था कि सक्षम प्राधिकारियों की अनुमति के बिना परिसर में छात्रों की सभा या बैठक अथवा किसी फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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जामिया में टली स्क्रीनिंग
जामिया में फिलहाल डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग टल गई है। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडियाका कहना है कि जबतक हिरासत में लिए गए छात्र रिहा नहीं किए जाते, तब तक डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं की जाएगी।
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छात्रों का प्रदर्शन जारी
यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने से नाराज छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। जामिया यूनिवर्सिटी की अपनी सिक्योरिटी विंग है जो स्टूडेंट्स को हैंडल करती है। गेट के अंदर कुछ स्टूडेंट अभी भी नारेबाजी कर रहे हैं जबकि पुलिस और सुरक्षाबल कैंपस के बाहर मौजूद रही। न नारेबाजी करने वाले स्टूडेंट गेट के बाहर हैं और न पुलिस अंदर।
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सियासी सरगर्मी
एके एंटनी के बेटे का कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा
इधर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को बैन करने का समर्थन करने वाले कांग्रेस के नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने बुधवार सुबह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा- कांग्रेस ने मुझसे ट्वीट डिलीट करने को कहा था, लेकिन मैंने इनकार कर दिया।
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महुआ ने शेयर किया दूसरा एपिसोड
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक के बावजूद टीएससी नेता महुआ मोइत्रा ने उसके दूसरे एपिसोड की लिंक ट्विटर पर शेयर की।
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थरूर ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को बैन किए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि एक डॉक्यूमेंट्री हमारे राष्ट्र की संप्रभुता को कैसे प्रभावित कर सकती है?
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