सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत देने की जरूरत नहीं, सेना पर पूरा भरोसा

  • दिग्विजय के बयान के बाद डैमेज कंट्रोल पर उतरे राहुल

(फोटो : यात्रा)

जम्मू। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल कांग्रेस नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा सोमवार को 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने का मामला गर्माता जा रहा है। मंगलवार को सर्जिकल स्ट्राइक के बयान पर राहुल गांधी को ‘डैमेज कंट्रोल’ के लिए उतरना पड़ा। राहुल ने कहा, सेना को सबूत देने की जरूरत नहीं, हमें अपनी सेना पर पूरा भरोसा है। सेना जो करती है, वह ठीक है। दिग्विजय सिंह ने जम्मू में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कहा था कि सरकार ने अभी तक इसका कोई सबूत नहीं दिया है कि उस स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए थे। जम्मू-कश्मीर में चल रही भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मंगलवार को राहुल गांधी ने कहा, हमारी पार्टी में लोकतंत्र है। सभी को बोलने का अधिकार है। हमारी आर्मी, बेहतर कार्य कर रही है। उसे सबूत देने की जरूरत नहीं है।

बयान से जताई असहमति

दिग्विजय सिंह के बयान से मैं सहमत नहीं हूं। हमें आर्मी पर पूरा भरोसा है। आर्मी जो करे, वह ठीक होगा। दिग्विजय सिंह का बयान, पार्टी का बयान नहीं है। राहुल गांधी से यह सवाल भी पूछा गया था कि क्या दिग्विजय सिंह अपने बयान से उनकी मेहनत पर पानी फेरा है। इस बाबत उन्होंने कुछ नहीं कहा। राहुल ने कहा, कश्मीरी पंडितों ने उनसे मुलाकात की है। वे कहते हैं, सर्जिकल स्ट्राइक तो पहले भी हुई हैं। लोगों को मालूम है। इससे पहले सोमवार को विवाद को बढ़ता देख, कांग्रेस पार्टी ने भी दिग्विजय सिंह के बयान से किनारा कर लिया था। पार्टी नेता जयराम रमेश ने दिग्विजय के बयान को उनका व्यक्तिगत विचार बताया है। उन्होंने कहा, ये कांग्रेस के विचार नहीं हैं। 2014 से पहले यूपीए सरकार ने भी सर्जिकल स्ट्राइक की थी। राष्ट्रहित में सभी सैन्य कार्रवाइयों का कांग्रेस ने समर्थन किया है। कांग्रेस आगे भी ऐसी कार्रवाई का समर्थन करेगी।

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