रावलमल जैन दंपति हत्याकांड में बेटे को दो बार सजा-ए-मौत

  • संपत्ति के लिए मां-बाप की हत्या, विशेष न्यायालय ने सुनाई सजा

—पार्श्व तीर्थ नगपुरा के संस्थापक थे रावलमल जैन

इंट्रो

दुर्ग के चर्चित रावलमल जैन हत्याकांड में विशेष न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया। रावलमल जैन और उनकी पत्नी सूरजी देवी की हत्या के मामले में उनके बेटे संदीप जैन को दो बार फांसी की सजा सुनाई। सजा सुनते ही संदीप बेहोश होकर गिर गया। इसके बाद उसका इलाज कराया गया।

15 लोगों को बनाया गया था गवाह

5 पक्षद्रोही हो गए

10 प्रकरणों का दिया गया हवाला

5 साल बाद आरोपी को सजा


भिलाई। दुर्ग के अपर सत्र न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी की अदालत में सोमवार को देश के चर्चित जैन दंपत्ति हत्याकांड मामले में आरोपी पुत्र संदीप जैन (42) को मृत्युदंड का फैसला दिया। अन्य दो आरोपी भगत सिंह गुरूदत्ता और शैलेन्द्र सागर को 5-5 साल की सजा दी गई है। मामले विशेष अभियोजक सुरेश कुमार शर्मा ने पैरवी की।

गौरतलब है कि पार्श्व तीर्थ नगपुरा के संस्थापक व समाजसेवी गंजपारा दुर्ग निवासी रावलमल जैन और उनकी पत्नी सूरजी देवी की 1 जनवरी 2018 की अलसुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के मामले में दुर्ग कोतवाली पुलिस ने मृतक दंपत्ति के पुत्र संदीप जैन धारा 302 व 34 के तहत जुर्म पंजीबद्ध किया था। इस मामले में आरोपी संदीप जैन को रिवाल्वर उपलब्ध करने वाले भगत सिंह गुरूदत्ता आत्मज सतनाम सिंह गुरूदत्ता, मोहन नगर दुर्ग शैलेन्द्र सागर पिता अवतार सिंह गुरुनानक नगर दुर्ग को आर्म्स एक्ट के तहत आरोपी बनाया गया था। दुर्ग कोतवाली पुलिस ने 28 मार्च 2018 को अभियुक्त पत्र अपर सत्र न्यायाधीश दुर्ग के समक्ष प्रस्तुत किया था। विचाराधीन उपरांत अपर सत्र न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए 9 जनवरी 2023 को अपना निर्णय सुरक्षित रखते हुए सोमवार को दोषसिद्ध पाते हुए रावलमल जैन उनकी पत्नी सूरजी देवी के हत्यारे पुत्र को संदीप जैन को फांसी की सजा दी है। न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा है कि अपने माता-पिता की हत्या अत्यंत ही बर्बरतापूर्ण है। इस मामले में रिवाल्वर उपलब्ध कराने वाले भगत सिंह गुरुदत्ता और शैलेंद्र सागर को 5 वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदंड दिया गया है।

00 तीन गोलियों के निशान मिले थे

मृतक रावलमल जैन की पीएम रिपोर्ट में शरीर में तीन गोलियों के निशान मिले थे। पुलिस ने मौके से 14 नग कारतूस और दो खाली खोखे बरामद किए थे। हत्याकांड में पुलिस ने 15 लोगों को गवाह बनाया था। जिसमें 5 पक्षद्रोही हो गए। ये सभी आरोपी संदीप जैन के रिश्तेदार और उनके घर कामकाज करने वाले लोग थे।

00 कोर्ट ने गीता और देवी भागवत का भी संदर्भ

कोर्ट ने अपने फैसले में महाभारत, गीता और देवी भागवत के अंश का भी संदर्भ दिया है। इसमें भारतीय वैदिक सभ्यता एवं संस्कृति को निरंतर युवा वर्ग भुलाता चला आ रहा है। पिता और पुत्रों के बीच आपसी कटुता, वैमनस्यता और झगड़ा देखने को मिलता है। माता-पिता के साथ पुत्रवत व्यवहार करने वाला ही वास्तव में पुत्र है।

00 आरोपी सिद्ध नहीं कर पाया वह दोषी नहीं

कोर्ट के समक्ष आरोपी संदीप जैन यह सिद्ध नहीं कर पाया कि वह दोषी नहीं है। आरोपी संदीप ने 27 दिसंबर 2018 को अपनी पत्नी संतोष और पुत्र संयम को योजनाबद्ध तरीके से उसके मायके राजहरा भेज दिया। पुलिस जब घटना के बाद मौके पर गई तो आरोपी संदीप ही जीवित मिला। रावलमल जैन और सूरजी देवी जैन मृत मिले। शासकीय अधिवक्ता द्वारा किए गए जिरह के दौरान आरोपी संदीप ने इन सवालों का जवाब नहीं दे पाया।


वेल प्लान मर्डर केस

कोर्ट ने इस हत्याकांड को वेल प्लान मर्डर केस माना है। संपत्ति का उत्तराधिकारी संदीप जैन ही था। शासकीय वकील ने कोर्ट को बताया कि रावलमल जैन ने आरोपी संदीप से कहा था कि चाल-चलन ठीक नहीं है। इसलिए संपत्ति से बेदखल कर दूंगा। शासकीय वकील ने कोर्ट के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के 10 प्रकरणों का हवाला पेश किया था।

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