तृणमूल ने कमाई के मामले में कांग्रेस को पीछे छोड़ा, 90 गुना बढ़ी कमाई

  • भारतीय चुनाव आयोग ने जारी की है 2021-22 के दौरान सालाना कमाई की रिपोर्ट
  • अकेले भाजपा ने कमाए पिछले सत्र में 1,917.12 करोड़ रुपए

-टीएमसी ने 545.74 करोड़ तो कांग्रेस की कमाई थी 541.27 करोड़ रुपए

नई दिल्ली। ऐसे समय में जब कई पार्टियां कांग्रेस के बगैर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन बनाने के रास्ते तलाश रही हैं और अपना असर फैलाने की कोशिश कर रही हैं, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने 2021-22 के दौरान सालाना कमाई के मामले में सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि आमदनी के मामले में भाजपा के बाद अब टीएमसी दूसरे स्थान पर हैं। 2021-22 के दौरान ममता बनर्जी की पार्टी की सालाना आय 545.74 करोड़ रुपये थी, जो कांग्रेस की 541.27 करोड़ रुपये से थोड़ी ज्यादा थी।

भारतीय चुनाव आयोग ने इस हफ्ते सभी राजनीतिक दलों की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक की। भारत में आठ राष्ट्रीय दल- भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआई (एम) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) हैं। इन सभी राष्ट्रीय दलों ने सामूहिक रूप से 2021-22 के दौरान 3,289.28 करोड़ रुपये की कमाई की। बहरहाल इन पार्टियों की इनकम निश्चित नहीं होती है और एक वित्तीय वर्ष में उनके द्वारा जुटाए गए दान,चंदा, शुल्क और सदस्यता शुल्क को मिलाकर पार्टियों की सालाना आय बनती है।

भाजपा की 7 दलों से ज्यादा कमाई

2021-22 के दौरान बीजेपी को छोड़कर सात राष्ट्रीय दलों की कुल आय 1,372.16 रुपये थी, जबकि अकेले बीजेपी को 1,917.12 करोड़ रुपये मिले। भाजपा की कुल आय में सबसे अधिक हिस्सा 1,775 करोड़ रुपये के चंदे का है। इसमें 1,033 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड भी शामिल हैं। चुनावी बॉन्ड भाजपा की कुल आय का 50 प्रतिशत से अधिक है। पार्टी ने फीस और चंदे से 6.31 करोड़ रुपये जुटाए हैं। पिछले साल जब पार्टियों ने 2021-22 में 20,000 रुपये से अधिक के अपने चंदे की घोषणा की, तो भाजपा को सबसे अधिक दान की रकम (614.52 करोड़ रुपये) मिली थी। भाजपा को मिलने वाली रकम बाकी पार्टियों द्वारा जुटाई गई रकम से लगभग चार गुना अधिक है।

टीएमसी की आय में 90 गुना वृद्धि

टीएमसी ने 2017-18 के दौरान सिर्फ 5.16 करोड़ रुपये कमाए थे. अगले साल यह रकम बढ़कर 192.65 करोड़ रुपये हो गई। अगले दो साल में पार्टी की इनकम गिरी। 2019-20 में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल को 144.73 करोड़ रुपये मिले, जबकि अगले वर्ष यह आंकड़ा सिर्फ 74.41 करोड़ रुपये था। पिछले साल की तुलना में सात गुना से अधिक की छलांग लगाते हुए 2021-22 में टीएमसी की कमाई 545.74 करोड़ रही. यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि 2021 में पश्चिम बंगाल में चुनाव हुए थे और ममता बनर्जी उस साल मई में फिर से मुख्यमंत्री चुनी गई थीं. 2021-22 में पार्टी द्वारा जुटाया गया धन 2014-15 और 2020-21 के बीच जुटाए गए धन से अधिक था।

000

प्रातिक्रिया दे