प्रेमिका का भूत आता था नजर, बताया कैसे ठिकाना लगाया उसकी लाश को

—रिस्दी बस्ती से लापता हुई थी युवती

0 मां ने एसपी से की थी शिकायत, पुलिस ने दर्ज किया था गुम इंसान का मामला

कोरबा। एक युवक ने अपनी प्रेमिका की 8 महीने पहले गला दबाकर हत्या कर दी थी और लाश को ठिकाने लगा दिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद युवक रात को कभी भी अपने घर से बाहर निकलता तो उसे अपनी प्रेमिका का चेहरा सामने दिखाई पड़ता था जिसे सोचकर वह भयभीत हो जाता था। जब पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपनी प्रेमिका के हत्या की बात कबूल ली। युवक की निशानदेही पर युवती के कंकाल को कब्र से बाहर निकालकर मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है।

मामला रामपुर चौकी क्षेत्र के रिस्दी बस्ती की है। यहां निवासरत छत्रपाल यादव की 24 वर्षीय पुत्री अंजू यादव पिछले साल जुलाई महीने से लापता हो गई थी। अंजू की मां ने रमशीला यादव ने पिछले दिनों पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर पुत्री अंजू के लापता होने की शिकायत की थी। 3 जनवरी को रामपुर चौकी पुलिस ने अंजू के लापता होने पर गुम इंसान का मामला दर्ज किया था। अंजू की मां रमशीला के बयान के आधार पर रामपुर चौकी पुलिस ने मानिकपुर चौकी क्षेत्र अंतर्गत ढेलवाडीह बस्ती निवासी रामगोपाल पिता धरमसिंह खड़िया को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। इस बीच मंगलवार की देर शाम को रामगोपाल खड़िया ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी प्रेमिका अंजू की हत्या कर लाश को सागौन बाड़ी ढेलवाडीह में दफना दिया है। जिसके बाद बुधवार की सुबह कार्यपालन दण्डाधिकारी की अनुमति के बाद रामपुर चौकी प्रभारी अनिल पटेल दल बल सहित सागौन बाड़ी ढेलवाडीह पहुंचे जहां जेसीबी की मदद से गड्ढा खोदकर अंजू के कंकाल को बाहर निकाला। अंजू की मां ने मौके पर मिली पायल व चूड़ी के आधार पर उसकी शिनाख्त की। रामगोपाल खड़िया ने पूछताछ के दौरान बताया कि रथयात्रा के 3 दिन पहले उसने वारदात को अंजाम दिया था। अंजू उसके पास रहने के लिए पहुंची थी। वह लगातार शादी के लिए दबाव बना रही थी। जिससे परेशान होकर उसने अंजू का गला दबा दिया और पुलिस से बचने के लिए सागौन बाड़ी में उसकी लाश को ठिकाने लगा दिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद रामगोपाल जब अपने घर पहुंचा तो वह 5 दिनों तक घर पर ही रहा। जब कभी वह बाहर निकलता तो उसे उसकी प्रेमिका अंजू यादव के भूत का डर सताया करता था और जिसकी झिझक उसे बनी रहती थी। कई दिनों तक पूछताछ के दौरान रामगोपाल पुलिस को गुमराह करता रहा लेकिन बाद में वह टूट गया और उसने अपनी प्रेमिका अंजू की हत्या करना कबूल कर लिया।


ईंटभट्ठे में हुई थी जान पहचान

पुलिस के मुताबिक रामगोपाल खड़िया व अंजू की जान पहचान डिंगापुर के ईंटभट्ठे में हुई थी। रामगोपाल ईंट भट्ठे में ट्रैक्टर ड्राइवर था और अंजू यादव भी वहां ईंट लोड करने का काम करती थी। दोनों के बीच जान पहचान होने पर धीरे धीरे पहचान प्यार में तब्दील हो गया। अंजू रामगोपाल के पास रहना चाहती थी लेकिन रामगोपाल उसे अपने पास नहीं रखना चाहता था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हुआ करती थी।

हत्या के बाद दफना दी थी लाश

पुलिस के मुताबिक अंजू रामगोपाल को लगातार शादी के लिए भी दबाव बना रही थी। वारदात के दिन अंजू रामगोपाल के घर रहने के लिए निकली थी, जहां दोनों की मुलाकात हुई। रामगोपाल अपने साथ अंजू को सागौन बाड़ी ले गया और उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। उसने पहले से बने गड्ढे में अंजू की लाश को दफन कर दिया।


000

प्रातिक्रिया दे