25 दिनों से कर रहे थे अनशन
जयपुर। झारखंड के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ अनशन पर बैठे जैन मुनि सुज्ञेयसागर ने अपने प्राण त्याग दिए। मुनि सुज्ञयसागर ने सांगानेर, जयपुर स्थित जैन मंदिर में अंतिम सांस ली। मंगलवार दोपहर उन्हें श्रमण संस्कृति संस्थान में समाधि दी गई। सांगानेर में विराजितसुज्ञेयसागर जी महाराज सम्मेद शिखर को बचाने के लिए 25 दिनों से अनशन पर बैठे हुए थे। नौ दिन बाद यानी मंगलवार सुबह उन्होंने देह त्याग दी। उनकी डोल यात्रा संघी जी मन्दिर सांगानेर, जयपुर से निकलेगी। फिर उन्हें सांगानेर के श्रमण संस्कृति संस्थान में समाधि दी जाएगी। दरअसल, झारखंड के गिरिडीह स्थित पवित्र जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन की सूची में शामिल करने को लेकर समाज में गुस्सा है. राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं।
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रांची में रैली, सूरत में सड़कों पर उतरे लोग
राजधानी रांची में तीर्थराज सम्मेद शिखर को पर्यटन से मुक्त कराने के लिए रैली आयोजित की गई। यह रैली राजभवन के समीप पहुंची। इसके बाद राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। उधर, गुजरात के सूरत में भी जैन तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में हज़ारों की संख्या में जैन समाज के लोग सड़कों पर उतरे। सूरत के पार्लेपॉइंट इलाक़े के सरगम शॉपिंग सेंटर से कलेक्टर ऑफिस तक पैदल मार्च कर प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
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