अयोग्य विदेशी डॉक्टरों पर कसा शिकंजा, सीबीआई ने 91 ठिकानों पर दी दबिश

—राज्य चिकित्सा परिषद और अनिवार्य परीक्षा बगैर कर रहे प्रैक्टिस

—-14 राज्य चिकित्सा परिषद और 73 विदेशी चिकित्सा स्नातकों पर कार्रवाई

इंट्रो

अयोग्य विदेशी डॉक्टरों पर सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की जानकारी के बाद 14 राज्यों में अपात्र विदेशियों को फर्जी तरीके से मेडिकल प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस देने के मामले में सीबीआई ने कार्रवाई की है। सीबीआई ने इस मामले में गुरुवार को 91 स्थानों पर छापेमारी की। ये छापे विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मारे गए। छापेमारी में सीबीआई ने फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएशन एग्जाम के फर्जी प्रमाणपत्र सहित कई संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए हैं।

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने कई राज्य चिकित्सा परिषदों और अनिवार्य परीक्षा पास किए बगैर भारत में प्रैक्टिस करने वाले विदेशी चिकित्सकों के खिलाफ जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को देशभर में 91 स्थान पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने 14 राज्य चिकित्सा परिषदों और 73 विदेशी चिकित्सा स्नातकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिन्हें अनिवार्य विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (एफएमजीई) उत्तीर्ण किए बिना भारत में चिकित्सा का अभ्यास करने की अनुमति दी गई थी। नियमों के अनुसार विदेशी चिकित्सा स्नातक को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग या राज्य चिकित्सा परिषद में अस्थायी या स्थायी पंजीकरण कराने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) द्वारा आयोजित एफएमजीई/स्क्रीनिंग परीक्षा पास करनी होती है। सूत्रों ने कहा कि एनबीई अभ्यर्थियों के साथ-साथ परिषदों को अपने परिणाम भेजता है।

उन्होंने कहा कि जब इन अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी योग्यता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए थे, तो चिकित्सा आयोग एनबीई द्वारा सीधे उन्हें भेजे गए परिणामों से इसे सत्यापित कर सकते थे। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने राज्य चिकित्सा परिषदों के अज्ञात अधिकारियों, तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद और 73 विदेशी चिकित्सा स्नातकों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

नियम क्या है?

विदेशी चिकित्सा स्नातक को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग या राज्य चिकित्सा परिषद में अस्थायी या स्थायी पंजीकरण कराने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के आयोजित एफएमजीई/स्क्रीनिंग परीक्षा पास करनी होती है। एनबीई अभ्यर्थियों के साथ-साथ परिषदों को अपने परिणाम भेजता है। जब इन अभ्यर्थियों के फर्जी योग्यता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए थे, तो चिकित्सा आयोग एनबीई द्वारा सीधे उन्हें भेजे गए परिणामों से इसे सत्यापित कर सकते थे।

सीबीआई ने दर्ज किया केस

अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने राज्य चिकित्सा परिषदों के अज्ञात अधिकारियों, तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद और 73 विदेशी चिकित्सा स्नातकों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

रूस, यूक्रेन, चीन और नाइजीरिया से एमबीबीएस

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन ने जानकारी भी दी थी। मंत्रालय के मुताबिक रूस, यूक्रेन, चीन और नाइजीरिया सहित जैसे कई देशों से एमबीबीएस करने वाले 73 मेडिकल ग्रेजुएट्स ने एफएमजी पेपर पास नहीं किए। इसके बाद दी सीबीआई ने रेड की है। इसके बाद केस दर्ज कर लिया है औऱ आगे कानूनी कार्ऱवाई होगी।

इधर, सीबीआई ने अफसर को दबोचा

इधर, सीबीआई ने 10 लाख रुपए की कथित रिश्वतखोरी के मामले में रक्षा लेखा सेवा के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि आरोप है हरियाणा स्थित जींद की एक कंपनी ने 1988 बैच के इस अधिकारी से पक्षधरता पाने के लिए एक बिचौलिये को यह रकम दी थी। उन्होंने कहा कि विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा है।

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