- कार हादसे की जांच में एक और बड़ा खुलासा, आदतन ट्रैफिक नियम उल्लंघनकर्ता है वह
मुंबई। उद्योगपति सायरस मिस्त्री की कार हादसे में मौत की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने पाया है कि हादसे के वक्त कार चला रहीं डॉ. अनाहिता पंडोले ट्रैफिक नियमों की आदतन उल्लंघनकर्ता हैं। उनके खिलाफ 2020-2022 में 19 ई चालान काटे जा चुके हैं। इनमें से 11 तेज रफ्तार से वाहन चलाने के हैं। मिस्त्री के कार हादसे के मामले में डॉ. अनाहिता पंडोले के खिलाफ लापरवाही और तेजी से वाहन चलाने का केस दर्ज किया जा चुका है। पालघर पुलिस के अनुसार हादसे के सायरस मिस्त्री की कार चला रहीं डॉ. पंडोले का यातायात के नियम तोड़ने का रिकॉर्ड रहा है। इसी साल 4 सितंबर को हुए कार हादसे में मिस्त्री के अलावा व डॉ. पंडोले के बहनोई जहांगीर की मौत हो गई थी। हादसे के वक्त डॉ. पंडोले कार चला रही थीं।
आरोप पत्र का हिस्सा बनेंगे सारे चालान
पुलिस अधिकारियों के अनुसार 2020 से 2022 तक डॉ. पंडोले को कुल 19 ई-चालान जारी किए गए थे। ये सारे चालान अब सबूत के रूप में उनके खिलाफ पेश किए जाने वाले आरोप पत्र का हिस्सा बन सकते हैं। आरोप पत्र इसी सप्ताह दाखिल किए जाने की संभावना है। पालघर पुलिस ने डॉ. पंडोले के खिलाफ मुंबई ट्रैफिक पुलिस के चालानों का विवरण प्राप्त कर लिया है। पालघर के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल के अनुसार ये ई चालान में ड्राइविंग सीट पर डॉ. पंडोले की तस्वीरें हैं।
जेएम फाइनेंशियल्स के नाम से पंजीकृत है कार
ये चालान उसी कार के हैं, जिसके दुर्घटनाग्रस्त होने से मिस्त्री व जहांगीर की मौत हुई। चालान के वक्त कैमरों से ली गई तस्वीरों में डॉ. पंडोले ही कार चलाती दिखीं। आगे की पूछताछ में पता चला कि जेएम फाइनेंशियल्स के नाम से यह कार पंजीकृत है। इसका स्वामित्व पंडोले के नाम है। इसका इस्तेमाल अनाहिता पंडोले द्वारा किया जा रहा था। यह भी पाया गया कि 19 चालानों में से 17 की जुर्माना राशि जमा की जा चुकी है।
100 की रफ्तार से चल रही थी कार
सायरस मिस्त्री जिस मर्सिडीस कार में सवार थे, वह हादसे के पांच सेकंड पहले तक 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। टक्कर से चंद सेकंड पहले डॉ. अनाहिता पंडोले ने ब्रेक लगाया था, जिससे उसकी गति 89 किमी प्रति घंटे हो गई थी। अचानक ब्रेक लगाने से मिस्त्री और जहांगीर, जो पिछली सीटों पर बगैर सीट बेल्ट लगाए बैठे थे, आगे की सीटों के पिछले हिस्से से जोर से टकरा गए थे। इससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। इससे उनकी मौत हो गई थी। हादसे के वक्त कार सवार सभी लोग गुजरात के उदवाड़ा से मुंबई लौट रहे थे। एनएच 48 पर उनकी कार एक कांक्रीट बैरियर से टकरा गई थी। हादसे में डॉक्टर अनाहिता पंडोले भी गंभीर रूप से घायल हुई थीं। हालांकि, अस्पताल से छुट्टी के बाद भी पुलिस अब तक उनका बयान दर्ज नहीं कर पाई है, क्योंकि उन्हें अभी तक मेडिकल टीम से फिटनेस क्लीयरेंस नहीं मिला है। पुलिस का कहना है कि आरोप पत्र दाखिल करने के लिए उसका बयान अनिवार्य नहीं है।
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