गौतम अडानी समेत ये 3 भारतीय एशिया के सबसे बड़े दानवीर, लिस्ट में दूसरे स्थान पर शिव नाडर

भारतीय अरबपति गौतम अडानी, शिव नाडर और अशोक सूता (Gautam Adani, Shiv Nadar and Ashok Soota) फोर्ब्स की सूची के अनुसार एशिया के सबसे बड़े दानवीर हैं। वहीं इस लिस्ट में मलेशियाई-भारतीय व्यवसायी ब्रह्मल वासुदेवन और उनकी पत्नी शांति कंडिया का नाम भी शामिल है। फोर्ब्स की परोपकार सूची मंगलवार (6 दिसंबर 2022) को जारी हुई।

इस सूची में ऐसे दानवीरों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia-Pacific region) में परोपकारी कारणों के लिए एक मजबूत व्यक्तिगत प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।

Gautam Adani ने 60 हजार करोड़ रुपये दान किए
गौतम अडानी इस साल जून में 60 साल के हो गए और इस अवसर पर उन्होंने 60,000 करोड़ रुपये (7.7 अरब अमेरिकी डॉलर) दान देने की घोषणा की। फोर्ब्स की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इसी कारण उन्हें भारत के सबसे उदार परोपकारी लोगों की सूची में रखा गया है। अडानी ने यह पैसा स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास के लिए दान किया और परिवार द्वारा संचालित अडानी फाउंडेशन के माध्यम से खर्च किया जाएगा, जिसे 1996 में स्थापित किया गया था। बता दें कि हर साल अडानी फाउंडेशन (Adani Foundation) पूरे भारत में लगभग 3.7 मिलियन लोगों की मदद करता है।

नाडर दूसरे नंबर पर
अरबपति शिव नाडर (Shiv Nadar) भी भारत में शीर्ष दानदाताओं में गिने जाते हैं, जिन्होंने कुछ दशकों में अपनी संपत्ति का 1 बिलियन अमरीकी डॉलर के करीब शिव नाडर फाउंडेशन (Shiv Nadar Foundation) के माध्यम से विभिन्न सामाजिक कारणों में लगाया है। पिछले 1 साल में शिव नाडर ने 1161 करोड़ रुपए दान किए हैं। इस हिसाब से मानें तो उन्होंने प्रतिदिन तीन करोड़ रुपए दान किए हैं।

इस वर्ष उन्होंने शिक्षा के माध्यम से व्यक्तियों को सशक्त बनाकर एक न्यायसंगत, योग्यता आधारित समाज बनाने का इरादा रखते हुए 11,600 करोड़ रुपये (142 मिलियन अमरीकी डालर) का दान दिया। ये राशि उन्होंने 1994 में स्थापित शिव नाडर फाउंडेशन में दी। एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies) के सह-संस्थापक शिव नाडर ने फाउंडेशन के माध्यम से स्कूलों और विश्वविद्यालयों जैसे शैक्षणिक संस्थानों को स्थापित करने में मदद की है, जो कला और संस्कृति को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने 2021 में आईटी सेवा कंपनी में कार्यकारी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया था।

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