जयपुर। राजस्थान कांग्रेस के कुनबे में कलह शांत करने आए संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की कोशिशें नाकाम होती नजर आ रही हैं। मंगलवार को उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बैठक ली और ‘गद्दार’ मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच ठनी जुबानी जंग को खत्म करने का प्रयास किया था। अब पूर्व मंत्री और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने वेणुगोपाल की चेतावनी का जवाब देने के लिए क्रांतिकारी चे ग्वेरा के प्रसिद्ध बयान का इस्तेमाल किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मैंने कब्रिस्तान में उन लोगों की भी कब्रें देखी हैं, जिन्होंने इसलिए संघर्ष नहीं किया कि कहीं वे मारे नहीं जाएं। खैर, विवाद बढ़ता उससे पहले ही चौधरी ने यह ट्वीट हटा भी लिया। लेकिन, यह तो साफ हो ही गया कि राजस्थान कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक कुछ समय के लिए ही थमी है। खासकर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस एकजुट दिखना और दिखाना चाहती है।
वेणुगोपाल से भिड़ गए थे चौधरी
वेणुगोपाल ने स्पष्ट रूप से सभी नेताओं को चेतावनी दी थी कि अब कोई भी नेता अकारण किसी भी प्रकार की बयानबाजी नहीं करेगा। किसी ने बयानबाजी की तो 24 घंटे में उसे उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो मंगलवार को बैठक के दौरान वेणुगोपाल की चेतावनी पर हरीश चौधरी ने सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि अगर किसी को कुछ बात कहनी है तो वह कैसे कहेगा? इस पर वेणुगोपाल ने चौधरी को फटकारा था। कहा था कि जब आप जैसे जिम्मेदार नेता ही इस तरह करेंगे तो कैसे चलेगा। चौधरी के ट्वीट को इसी चेतावनी का जवाब माना जा रहा है।
सीनियर मंत्री को इस्तीफा देने से रोका
ओबीसी आरक्षण के मसले पर समाधान निकलने के बाद बाड़मेर में जगह-जगह चौधरी का स्वागत हुआ। इस दौरान चौधरी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर वन मंत्री हेमाराम चौधरी इस्तीफा देने वाले थे, लेकिन मेरे अनुरोध करने पर उन्होंने इरादा बदल दिया। पिछली कैबिनेट बैठक में ओबीसी आरक्षण मुद्दे को टालने के बाद कैबिनेट मंत्रियों से मुलाकात की थी। मंत्री हेमाराम चौधरी इसे लेकर मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले थे, लेकिन मेरे रिक्वेस्ट करने पर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया।
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