एनडीटीवी खरीदना हमारा दायित्व प्रणय रॉय चाहें तो बने रहें सीईओ

  • उद्योगपति गौतम अडानी ने कहा

-इंटरव्यू में बोले- सरकार सही करे तो उसे भी दिखाने का साहस होना चाहिए

नई दिल्ली। दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी ने समाचार चैनल एनडीटीवी खरीदने को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने फाइनेंसियल टाइम्स से इंटरव्यू में कहा कि नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (एनडीटीवी) को खरीदना व्यवसाय से अधिक जिम्मेदारी है। अडानी ने यह भी कहा कि प्रणय रॉय इसके चेयरमैन बने रहें, उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।

गौतम अडानी ने कहा, “स्वतंत्रता का मतलब है कि अगर सरकार ने कुछ गलत किया है, तो आप उसे गलत कहें। साथ ही आपको साहस होना चाहिए कि जब सरकार हर दिन सही काम कर रही हो, तो यह भी दिखाएं।” उन्होंने यह भी बताया कि उनकी ओर से एनडीटीवी के मालिक और संस्थापक प्रणय रॉय को अधिग्रहण पूरा होने के बाद भी प्रमुख बने रहने का ऑफर है।

अडानी समूह ने बिना पूछे लिया फैसला- एनडीटीवी

प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय ने 1988 में एनडीटीवी की स्थापना की थी। जब अडानी समूह ने एनडीटीवी में हिस्सेदारी लेने की बात सार्वजनिक की तो एनडीटीवी ने कहा कि अडानी ग्रुप ने ये फैसला एनडीटीवी संस्थापकों से बातचीत या सहमति के बिना लिया है।

मंगलवार से ओपन ऑफर

गौतम अडानी ने अगस्त के अंत में एनडीटीवी में हिस्सेदारी हासिल करने की योजना का खुलासा किया था। अडानी समूह परोक्ष रूप से एनडीटीवी में 29 फीसदी हिस्सेदारी ले चुका है। अब अडानी समूह ने एनडीटीवी में बाजार से अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए मंगलवार से खुली पेशकश शुरू की है। अडानी समूह की ओर से यह ओपन ऑफर 22 नवंबर से पांच दिसंबर तक के लिए है। कंपनी ने अपनी खुली पेशकश के लिए मूल्य का दायरा 294 रुपये प्रति शेयर तय किया है।


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