दो दिन में कोश्यारी का तबादला न होने पर पूरे महाराष्ट्र में आंदोलन

-राज्यपाल को हटाने पक्ष-विपक्ष ने उठाई समवेत आवाज

-एनसीपी ने जलाया पुतला, कांग्रेस ने भी किया विरोध

राउत बोले- कार्यवाही न होने पर बताएंगे चप्पल मारो आंदोलन क्या होता है

मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर दिए गए बयान पर बवाल मचा हुआ है। पक्ष-विपक्ष दोनों कोश्यारी को हटाने पर अड़ गए हैं। शिंदे गुट ने अन्य जगह भेजने की मांग की है। वहीं उद्धव सेना ने दो दिनों में तबादला न होने पर पूरे राज्य में आदोलन की चेतावनी दे दी है। संजय राउत ने कहा है, राज्यपाल को हटाया नहीं गया तो चप्पल मारो आंदोलन क्या होता है, ये हम दिखा कर रहेंगे।” इनके अलावा, कोश्यारी के खिलाफ शरद पवार की पार्टी एनसीपी भी सड़कों पर उतर आई है, कांग्रेस ने भी विरोध किया है।

आपको बता दें, कोश्यारी ने कहा था, छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने जमाने के आदर्श हैं। अब नितिन गडकरी आदर्श हैं। इस बयान पर आपत्ति उठाई जा रही है। शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड ने कहा, कोश्यारी मराठा साम्राज्य के संस्थापक को लेकर अतीत में भी विवादित बयान दे चुके हैं। उन्हें किसी अन्य जगह पर भेजा जाए। इस बीच उद्धव सेना ने भी बवाल की चेतावनी दी है। उसका कहना है कि भगत सिंह कोश्यारी का दो दिनों के अंदर तबादला हो जाना चाहिए वरना पूरे राज्य में आदोलन होगा। बयान पर संजय राउत ने तीखा हमला किया है। राउत ने कहा कि शिवाजी के अपमान पर मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री चुप क्यों बैठे हैं। कहां गया इनका स्वाभिमान? अगर राज्यपाल को हटाया नहीं गया तो चप्पल मारो आंदोलन क्या होता है, ये हम दिखा कर रहेंगे।”

एनसीपी ने किया प्रदर्शन

पुणे में तो एनसीपी ने गवर्नर का पुतला लेकर प्रदर्शन किया और उसकी धोती उतार दी। एनसीपी के अलावा कांग्रेस और शिवसेना जैसे दलों ने भी कोश्यारी का विरोध किया है। पुणे में एनसीपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और कोश्यारी की धोती उतारने वाले के लिए एक लाख रुपये के इनाम का ऐलान किया है। सोमवार को पुणे में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान के विरोध में एनसीपी की शहर की ओर से स्वारगेट स्थित सावरकर की प्रतिमा के पास धरना दिया गया। इस दौरान एनसीपी के नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की एक डमी लेकर आए और विरोध प्रदर्शन किया।

पहले भी दिया विवादित बयान

कोश्यारी ने कहा था कि यदि मुंबई से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाए तो शहर के पास न पैसे बचेंगे और ना ही आर्थिक राजधानी का तमगा रहेगा। हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा था कि मुंबई के विकास में कुछ समुदायों के योगदान पर चर्चा करते हुए मुझसे चूक हो गई थी।


राज्यपाल ने शिवपाल को लेकर क्या कहा

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि अगर कोई आपसे कहे कि आपका पसंदीदा हीरो कौन है? आपका फेवरेट आइकन कौन है? तो बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं है। यहीं महाराष्ट्र में ही आपको मिल जाएंगे। शिवाजी तो पुराने युग की बात है, मैं नए युग की बात बोल रहा हूं। यहीं मिल जाएंगे, डॉ. आंबेडकर से लेकर डॉ. गडकरी तक… ये नितिन गडकरी तो आपको यहीं मिल जाएंगे।”

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