जी-20 में गूंजा पीएम मोदी का संदेश, आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए

—-इंडोनेशिया ने भारत को सौंपी जी-20 की कमान, सुनक ने दिए 3000 वीजा

–धनशोधन, आतंकवाद के वित्त पोषण से प्रभावी रूप से निपटने के प्रयास होंगे तेज


इंट्रो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत में जो संदेश दिया था उसकी प्रतिध्वनि जी20 शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र में बुधवार को सुनाई दी। जी-20 के घोषणापत्र में नेताओं ने यूक्रेन युद्ध को तत्काल खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा कि आज का युग, युद्ध का युग नहीं होना चाहिए। अंतिम दिन इंडोनेशिया ने बुधवार को बाली शिखर सम्मेलन के समापन के साथ ही आने वाले साल के लिए भारत को जी-20 की अध्यक्षता सौंपी। पीएम मोदी ने इसे प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए गर्व की बात बताया।

बाली। इंडोनेशिया के बाली में जी-20 समिट बुधवार को खत्म हो गई। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के अंत में एक विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और दुनिया के लिए इसके प्रभावों पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया। इसमें कहा गया, संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान, संकटों को दूर करने के प्रयास, साथ ही कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं। आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए।

जी-20 देशों ने बुधवार को विश्व समुदाय से धन शोधन तथा आतंकवाद के वित्त पोषण से प्रभावी रूप से निपटने के अपने प्रयासों को तेज करने के लिए कहा। समूह ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की रणनीतिक प्राथमिकताओं पर खरा उतरने की प्रतिबद्धता भी दोहरायी। यहां दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन पर जारी एक संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है कि समूह सभी सदस्यों को एफएटीएफ के मानकों को प्रभावी तरीके से लागू करने तथा उन्हें अपनाने के लिए सहयोग मजबूत करने के वास्ते प्रेरित करता है। घोषणापत्र में कहा गया है, हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए धन शोधन, आतंकवाद के वित्त पोषण तथा विध्वंसक गतिविधियों के वित्त पोषण के प्रसार से प्रभावी रूप से निपटने के अपने प्रयास तेज करने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। एफएटीएफ धन शोधन, आतंकवाद के वित्त पोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता से जुड़े अन्य खतरों से निपटने के लिए 1989 में स्थापित एक अंतर सरकारी संस्था है। घोषणापत्र के अनुसार, जी-20 सदस्यों ने पेरिस स्थित एफएटीएफ की रणनीतिक प्राथमिकताओं पर खरा उतरने तथा इन खतरों से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई की अगुवाई करने के लिए अपने ‘एफएटीएफ स्टाइल रीजनल बॉडीज’ की ओर अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। इसमें कहा गया है, हम वर्चुअल संपत्तियों खासतौर से ‘यात्रा नियम’ और लाभकारी स्वामित्व की पारदर्शिता में अंतरराष्ट्रीय मानकों के क्रियान्वयन को बढ़ावा देने तथा व्यवस्थागत भ्रष्टाचार तथा और पर्यावरणीय अपराधों के खिलाफ लड़ाई में उनकी भूमिका को पहचानने के लिए एफएटीएफ की पहलों का स्वागत करते हैं।

जी-20 में ये देश

जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।

ब्रिटेन से भारतीयों को हर साल मिलेगा 3,000 वीजा

ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक के बीच जी20 सम्मेलन के इतर पहली बैठक के बाद बुधवार को उस नई योजना को मंजूरी दी। इसके तहत 18-30 वर्षीय डिग्रीधारी-शिक्षित भारतीयों को ब्रिटेन में आकर रहने और दो वर्ष तक काम करने के लिए हर साल 3,000 वीजा प्रदान किये जायेंगे। मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं और सभी बैठकों का प्रमुख ध्यान रक्षा और आर्थिक संपर्क को बढ़ावा देने पर था।

जी20 नेताओं ने लगाए मैंग्रोव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर बुधवार को कुछ वैश्विक नेताओं के साथ वहां के सबसे बड़े ‘मैंग्रोव’ वन ‘तमन हुतान राया नगुराह राय’ का दौरा किया और मैंग्रोव लगाए। ‘मैंग्रोव’ ऐसे पेड़ों या झाड़ियों को कहा जाता है, जो समुद्र तट के किनारे उगती हैं।

रूडो- जिनपिंग में दिखी तकरार

जी 20 के मंच पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच तकरार देखने मिली है। दोनों ही देशों के नेताओं ने जो मुलाकात की थी, वो बातचीत लीक हो गई। इस बात से चीनी राष्ट्रपति खासा नाराज हो गए और जब वे जस्टिन ट्रूडों से मिले, उन्होंने दो टूक कह दिया कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।
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