- जजों के खिलाफ टिप्पणी करने का मामला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता और उसकी ओर से याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता को यह कहते हुए नोटिस जारी किया है कि अगर याचिका में न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई है तो वादियों की ओर से याचिका दायर करने वाले वकील अदालती कार्यवाही की अवमानना के लिए जिम्मेदार होंगे। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने 11 नवंबर को पारित आदेश में याचिकाकर्ता मोहन चंद्र पी. के साथ अधिवक्ता विपिन कुमार जय को नोटिस जारी कर पूछा कि उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए। दोनों को सुनवाई की अगली तारीख 2 दिसंबर, 2022 को हाजिर रहने को भी कहा गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिका में की गईं टिप्पणियां न केवल कर्नाटक हाईकोर्ट के लिए अपमानजनक हैं बल्कि प्रकृति में अत्यधिक अवमाननापूर्ण भी हैं।
यह था मामला
शीर्ष अदालत कर्नाटक हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दायर विशेष याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें हाईकोर्ट ने कर्नाटक में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के चयन को चुनौती देने वाली मोहन चंद्र पी की याचिका को खारिज कर दिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विशेष अनुमति याचिका में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश और खंडपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए न्यायाधीशों के खिलाफ टिप्पणियां कीं और उन पर सस्ते प्रचार के लिए याचिका खारिज करने का आरोप लगाया।
चुनावी बॉन्ड योजना _ सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत
नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड योजना में संशोधन के खिलाफ दायर एक नई याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है। इस याचिका में केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है जिसमें विधानसभा चुनावों के दौरान चुनावी बॉन्ड की बिक्री के लिए 15 दिनों की अतिरिक्त अवधि प्रदान करने की अनुमति प्रदान की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप जॉर्ज चौधरी ने इस अधिसूचना को पूरी तरह से अवैध बताया है। वहीं वकील की दलील सुनने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गई। दरअसल, वित्त मंत्रालय ने सात नवंबर को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा चुनावों के वर्ष के दौरान चुनावी बॉन्ड की बिक्री के लिए 15 दिनों की अतिरिक्त अवधि प्रदान करने के लिए योजना में संशोधन करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। जिसपर विवाद उठने लगा और कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने इस अधिसूचना के खिलाफ याचिका दायर कर दी। अब शीर्ष अदालत इसपर सुनवाई के लिए तैयार हो गई है।
क्या है चुनावी बॉन्ड?
चुनावी बॉन्ड एक वचन पत्र या वाहक बांड की प्रकृति का एक उपकरण है जिसे किसी भी व्यक्ति, कंपनी, फर्म या व्यक्तियों के संघ द्वारा खरीदा जा सकता है बशर्ते वह व्यक्ति या निकाय भारत का नागरिक हो या भारत में निगमित या स्थापित हो। बांड विशेष रूप से राजनीतिक दलों को धन के योगदान के उद्देश्य से जारी किए जाते हैं।
पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम पर केंद्र को दाखिल करना होगा हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए सोमवार को केंद्र को और समय दे दिया है। इस याचिका में पूजा की जगह को पुनः प्राप्त करने के लिए मुकदमा दायर करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने केंद्र से 12 दिसंबर तक हलफनामा दाखिल करने को कहा और मामले को अगले साल जनवरी के पहले सप्ताह के लिए पोस्ट कर दिया। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा मामले में हलफनामा दायर करने के लिए और समय मांगे जाने के बाद शीर्ष अदालत ने मामले को स्थगित कर दिया क्योंकि उन्हें सरकार में उच्चतम स्तर के साथ विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है।
सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि यह भारत सरकार का फैसला करने का मामला है। सीजेआई ने वकील से कहा कि उनके योगदान का जश्न मनाने का सबसे अच्छा तरीका कड़ी मेहनत करना है, जैसे उन्होंने आजादी के लिए कड़ी मेहनत की थी।

