बेंगलुरू। कर्नाटक के चित्रदुर्ग इलाके में दुष्कर्म मामले में जेल में बंद मुरुघ मठ के प्रमुख शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू को लेकर आए दिन बड़े खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने बाबा के खिलाफ 694 पन्नों का चार्जशीट तैयार किया। जिसे अदालत को 27 अक्तूबर को सौंप दिया गया था। इस चार्जशीट में जो खुलासे हुए हैं वे हैरान करने वाले हैं। पुलिस के अनुसार शरणारू के बेडरूम तक ड्रग्स, शराब और नशीले पदार्थ सप्लाई किए जाते थे। इसके अलावा बेडरूम में नाबालिग लड़कियों को भेजा जाता था। बता दें कि दो नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के आरोप में मठ प्रमुख को एक सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
13 साल की बच्ची से लगातार दो साल तक दुष्कर्म
हिंदुस्तान टाइम्स को मिली चार्जशीट की कॉपी के अनुसार छात्रा ने अपनी आपबीती बयां की है। 13 साल की बच्ची के अनुसार मुरुघ मठ के प्रमुख शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू ने 2013 से 2015 तक उसके साथ दुष्कर्म किया। देर रात कमरे में बुलाया जाता था और फिर पूरी रात बेहोश करके दुष्कर्म किया जाता था।
छात्रा ने सुनाई दर्दनाक आपबीती
छात्रा ने कहा कि मेरी मां का 2012 में एक बीमारी के कारण निधन हो गया। मैं 7 वीं कक्षा में पढ़ रही थी. मेरे पिता ने मुझे मठ के प्रियदर्शिनी हाई स्कूल में दाखिला दिलाया। यहां मैं अक्का महादेवी छात्रावास में रुकी थी। छात्रा ने कहा कि मेरे प्रवेश के समय श्रुति और अपूर्वा हॉस्टल वार्डन थीं। लेकिन कुछ समय तक सबकुछ ठीक-ठाक रहा। लेकिन यह परेशानी 2013-2014 में शुरू हुई जब रश्मि ने हॉस्टल वार्डन के रूप में नया पदभार संभाला। वॉर्डन रश्मि मुझे रात नौ बजे के बाद फल और पैसे लेने के लिए बाबा के पास जाने के लिए कहती थी। मेरे अलावे मैं उसे दूसरी लड़की के साथ भी दो-तीन बार जाते देखा। हालांकि कई लड़कियों ने मना कर दिया। वहीं मुझे रात के खाने के बाद और सबके सो जाने के बाद पिछले दरवाजे से उनके कमरे में भेजा जाता था। वह मुझे सूखे मेवे और चॉकलेट दिया करते थे। वह पूछते थे कि क्या किसी ने मुझे उनके कमरे में जाते देखा है। फिर वह मुझसे अपने कपड़े उतारने को कहता। वह अपने कपड़े भी उतार देता था। वह मुझे अपनी गोद में बैठाता था और मेरे गुप्तांगों को गलत तरीके से छूता था और फिर मेरे साथ दुष्कर्म करते थे।
क्या है मामला
दरअसल, शिवमूर्ति शरणारू समेत पांच व्यक्तियों पर हाईस्कूल की दो छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी की शिकायत के आधार पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। नाबालिग लड़कियों ने पहले मैसूरू के उक्त एनजीओ से संपर्क किया था और काउंसलिंग के दौरान अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी दी थी।
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