इंग्ल‍िश सीखने की ये हैं 5 असरदार टेक्न‍िक, अपनाएंगे तो बोलने लगेंगे फर्राटेदार अंग्रेजी

आजकल बड़े शहरों में ज्यादातर नौकरियों में इंग्ल‍िश को सबसे जरूरी माना जाता है. अगर आप अंग्रेजी में बात नहीं कर सकते, या आप अंग्रेजी में लिख नहीं सकते तो इसका एक अलग ही प्रभाव पड़ता है. खासकर मल्टीनेशनल कंपनियों, मीडिया हाउसेज और कॉल सेंटर्स में जॉब के लिए अगर आप अच्छी अंग्रेजी जानते हैं तो रास्ता आसान हो जाता है. कई बार योग्यता होने के बावजूद सिर्फ अंग्रेजी में अच्छी पकड़ न होने के कारण लोग अंग्रेजी में बात नहीं कर पाते हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि अंग्रेजी बोलना इतना मुश्क‍िल काम नहीं है, इसके लिए आपको सिर्फ 6 महीने तक ये पांच टेक्नीक अपनानी हैं, इससे आपकी अंग्रेजी बहुत अच्छी हो जाएगी और आप बिना हिचकिचाहट अंगेजी बोलेंगे.

  1. इंग्ल‍िश को मनोरंजन का खास हिस्सा बनाएं
    दिन की शुरुआत न्यूजपेपर से करते हैं या खाली समय में कोई किताब पढ़ते हैं, फिल्म देखते हैं या ओटीटी पर कोई सीरीज देखते हैं. कोश‍िश करें कि आप सब जगह इंग्ल‍िश को तरजीह दें. डीयू की श‍िक्ष‍िका डॉ सविता पाठक कहती हैं कि अगर आप हर दिन अखबार पढ़ने के साथ साथ अंग्रेजी के 15 शब्द जो आपको कठ‍िन लगे, उनकी हिंदी तलाश करके लिखें फिर इन्हें दिन भर अपने सामने रखें, तो ये आपको याद हो जाएंगे. आपको पता भी नहीं चलेगा और महीने के आख‍िर तक आपका अंग्रेजी शब्दकोष काफी अच्छा होगा. इसके अलावा ओटीटी आजकल अच्छा जरिया है. आप नेटफ्लिक्स, अमेजन या किसी भी प्लेटफार्म पर कुछ भी देखें तो उसे अंग्रेजी भाषा में चुनें. अगर हिंदी में भी देख रहे हैं तो इंग्ल‍िश सब टाइटल एप्लाई कर लें. इससे आपको अंग्रेजी समझने में काफी क्लैरिटी होगी.
  2. दिन में 10 वाक्य जरूर बोलें
    हर द‍िन आप चाहे अपने किसी दोस्त से या घर में कम से 10 वाक्यों की बातचीत अंग्रेजी में करें. घर में अगर कोई इंग्ल‍िश में बात करता है तो उसके साथ प्रैक्ट‍िस करें. इसके अलावा आप घर पर शीशे के सामने खड़े होकर भी अंग्रेजी के वाक्यों को दोहरा सकते हैं. इसके लिए आपको अंग्रेजी में वाक्य रचना करके उसे जल्दी जल्दी बोलने की आदत डालनी होगी. आप अपने दोस्तों के साथ ग्रुप डिस्कशन करके भी अंग्रेजी में बहुत अच्छी पकड़ हासिल कर सकते हैं. इससे आपको इंग्ल‍िश बोलने की प्रैक्ट‍िस अच्छी होगी.

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  1. हिचकिचाहट छोड़ें, हीनभावना से बचें
    ऐसा देखा गया है कि कुछ लोगों के मन में हीन भावना होती है कि वो हिंदी मीडियम से आए हैं. उनकी भाषा का माध्यम हिंदी रहा है. वो अंग्रेजी मीडियम वालों के बराबर अंग्रेजी नहीं बोल सकते. यह हीनभावना भी उन्हें इंग्ल‍िश बोलने से रोकती है. कई बार उन्हें ग्रामर का ज्ञान होने पर भी वो अंग्रेजी लिख तो अच्छी लेते हैं पर बोल नहीं पाते. इसके लिए जरूरी है कि आप हिचकिचाहट से बचें. अगर आप बोलते समय सिर्फ ग्रामर पर फोकस रखेंगे तो हमेशा हिचकिचाते रहेंगे. आपसे जब कोई अंग्रेजी में बात करे तो आप आदत बना लें कि आपको अंग्रेजी में ही जवाब देना है.
  2. ट्रांसलेट ना करें, अंग्रेजी में सोचें

अक्सर इंग्लिश बोलने वाले हिंदी भाषी पहले कोई वाक्य हिंदी में सोचकर उसे ट्रांसलेट करके बोलते हैं. इससे वो कभी भी पूरे कॉन्फीडेंस के साथ इंग्ल‍िश नहीं बोल पाते. आपको अपनी आदत में एक चीज और लानी होगी, वो ये कि आप हिंदी में सोचने के बजाय इंग्ल‍िश में सोचने की प्रैक्ट‍िस कीजिए. ये थोड़ा कठ‍िन कार्य है लेकिन कुछ ही दिन की प्रैक्ट‍िस में ये आसान लगने लगता है. अगर आप इंग्ल‍िश में ही सोचना शुरू करेंगे तो आप जवाब भी उसी तेजी से दे पाएंगे.

  1. बेसिक ग्रामर और शब्दकोष मजबूत करें
    इंग्ल‍िश बोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि आप बेसिक गल‍त‍ियां न करें. जैसे कई लोग ही को शी, या हिज की जगह हर बोल देते हैं. A और An का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते. इसके अलावा वो शब्दों के उच्चारण में बड़ी गलती करते हैं. इसके लिए आप अपनी आदत में पढ़ना भी शामिल करें. यदि आप ग्रामर की बा‍री‍कियां सीखकर उसे व्यवहार में लाना सीख जाएंगे तो आपसे इस तरह की गल‍त‍ियां होने की गुंंजाइश नहीं रहेगी.

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