राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव
महाराष्ट्र के सांगली क्षेत्र में लोकप्रिय है यह जनजातीय नृत्य
पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी अनिल भीमराव कोड़ेकर के पूर्वजों को कर चुके हैं सम्मानित
रायपुर, 02 नवम्बर 2022
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव
महाराष्ट्र के धनगरी गजा नृत्य में तीन पीढ़ियों ने भाग लेकर नृत्य की मनमोहक छवि प्रस्तुत की। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में महाराष्ट्र के सांगली क्षेत्र में रहने वाली धनगर जनजाति धनगरी गजा नृत्य प्रस्तुत कर समा बांध दिया। इस प्रस्तुति में कलाकारों की तीन पीढ़ियों ने हिस्सा लिया। धनगरी गजा नृत्य की प्रस्तुति के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी श्री अनिल भीमराव के पूर्वजों को सम्मानित कर चुके हैं। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के मुख्य मंच से धनगरी गजा नृत्य के दल प्रमुख श्री अनिल भीमराव उनके भाई, पिता और चाचा सहित 16 कलाकारों ने प्रस्तुति दी।
धनगरी गजा नृत्य में भगवान श्री बीरोबा की वंदना की जाती है, जिसे भगवान शंकर का रूप मानते हैं। इसे अपने क्षेत्र में गुढ़ीपरवा से इसकी शुरूआत करते हैं और सात दिनों तक रात्रि को यह नृत्य करते हैं। जब यह नृत्य अपने क्षेत्र में की जाती है तो वे पालकी लेकर मंदिर के चारो तरफ भ्रमण करते हैं। इस लोक नर्तक दल के सदस्य आकर्षक परिधान पहनते हैं, जिसमें एक विशेष पगड़ी पहनी जाती है। साथ ही फड़की (घेरवाला विशेष वस्त्र) शर्ट, पैरों में घुघरू और दोनों हाथों में रूमाल होता है। इनके वाद्ययंत्र ढोल, कायता, बांसुरी शामिल हैं।

