नई दिल्ली। कैंसर के एक मरीज की बेल रद्द कराने की कोशिश ईडी के एक अफसर को काफी भारी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी पटीशन को खारिज करके अफसर को 1 लाख जुर्माना चुकाने का आदेश दिया। अदालत का कहना था कि जुर्माने की रकम में से 50 हजार रुपये नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी को जाएंगे जबकि बाकी की रकम मीडिएशन एंड सुप्रीम कोर्ट की कॉन्सिलेशन प्रोजेक्ट कमेटी के खाते में जाएंगे। कोर्ट ने ये आदेश असिस्टेंट डायरेक्टर (ईडी) बनाम कमल एहसान के केस की सुनवाई के दौरान जारी किया।मामले के मुताबिक ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर ने कैंसर पेशेंट को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली बेल के मामले में स्पेशल लीव पटीशन दायर की थी। कोर्ट ने लीव पटीशन को खारिज करते हुए कहा कि ये कोर्ट के समय की बर्बादी है। कोर्ट का कहना था कि मरीज की बेल के मामले में ईडी अफसर का ये कदम बेहद बचकाना है।
हजार केसों को रद्द करने की चेतावनी
उधर एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 1 हजार से ज्यादा केसों को रद्द करने की चेतावनी दी है। ये मामले 2014 से 2020 के दौरान दायर किए गए थे। कोर्ट ने ये सभी मामले ठीक करने के लिए एडवोकेट ऑन रिकार्ड के पास भिजवाए हैं। जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा कि याचिकाओं की गलती सुधारने के लिए एडवोकेट ऑन रिकार्ड के पास ये आखिरी मौका है। चार सप्ताह के भीतर अगर याचिकाएं ठीक नहीं हुईं तो सभी को रद्द कर दिया जाएगा।

