—मुंबई के 26/11 हमले पर भारत ने पेश किया बड़ा सबूत
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मुंबई। मुंबई के 26/11 हमले में पाकिस्तान में बैठे आतंकियों पर भारत ने यूएनएससी की आतंकवाद विरोधी कमेटी के सामने एक ऑडियो सबूत पेश किया है। यूएनएससी की काउंटर टेरेरिज्म कमेटी की बैठक में एक ऑडियो क्लिप चलाई गई है। इसमें पाकिस्तान में बैठे आतंकी साजिद मीर की आवाज है जो चबाड हाउस में मौजूद आतंकियों क निर्देश दे रहा था।
पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने आतंकवाद पर बेनकाब हो गया है। मुंबई में यूएनएससी की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ सबसे बड़ा सबूत सामने आया है। यूएन की बैठक में पाकिस्तानी आतंकी का ऑडियो टेप सुनाया गया। इसमें आतंकी को सुना जा सकता है। बैठक में सुनाया गया ऑडियो टेप आतंकी साजिद मीर का बताया जा रहा है। ऑडियो टेप में आतंकी अपने साथी को फायर करने के लिए कह रहा है। आतंकी ने कहा कि-जहां पर आपको मूवमेंट नजर आती है, कोई भी बंदा छत पर नजर आता है, उसको फायर ठोको। मुझे पता नहीं यहां क्या हो रहा है। भारत ने यह भी दावा किया दुनिया की आंखों में धूल झोकने के लिए आतंकी साजिद मीर को मृत घोषित कर दिया गया। उसका डीएनए टेस्ट भी कर दिया गया, लेकिन बाद में पता चला कि वो जिंदा है। अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान ने उसे अरेस्ट किया और सजा भी सुनाई गई। फिलहाल वो कहां हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। साजिद मीर को संयुक्त राष्ट्र में आतंकी घोषित कराने की प्रक्रिया अभी भी अटकी है।
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ऑडियो क्लिप में क्या ?
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की मौजूदगी में प्ले किए गए इस ऑडियो क्लिप में आतंकी साजिद मीर फोन पर चबाड़ हाउस में मौजूद आतंकियों को कह रहा है, बंदा कोई छत पर चल रहा है, कोई आ रहा है, जा रहा है उस पर फायर ठोको। उसे नहीं पता है वहां क्या हो रहा है। साजिद मीर को जवाब देते हुए फोन पर दूसरा आतंकी ऐसा ही करने का भरोसा देता है।
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जहां आतंकी हमला, वहीं हो रही बैठक
गौरतलब है कि कि यूएनएससी की बैठक मुंबई में हो रही है। मुंबई के ताज होटल में 26/11 हमला हुआ था, वहीं बैठक चल रहा है। आतंक निरोधी समिति की विशेष बैठक की मेजबानी भारत कर रहा है। यह 28 अक्टूबर से शुरू होकर 29 अक्टूबर तक चलेगी।
आतंकी साजिद आईएसआई का पूर्व अफसर
बैठक में भारत ने कहा, आतंकी साजिद मीर आईएसआई का पूर्व अफसर है। वह सिर्फ 26/11 हमले का आरोपी नहीं है, उसने कई और भी अंतरराष्ट्रीय आतंकी घटनाओं की साजिश रची हैं। ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के डेनमार्क प्रोजेक्ट का मास्टरमाइंड था। इसे कोपेनहेगन में एक अखबार के एडिटर को निशाना बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन इस प्लान का खुलासा हो गया।
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मुंबई का 26/11 हमला
26 नवंबर 2008 की रात को लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई की चार जगहों पर हमले किए थे। इस हमले को भारत को 4 दिन में कंट्रोल कर पाए थे। इस हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए थे, जिसमें 26 विदेशी थे। मुंबई पुलिस ने अजमल कसाब नाम के आतंकी को अरेस्ट किया था। बाकी 9 आतंकियों को मार गिराया था। आतंकियों ने मुंबई के दो 5 स्टार होटलों, रेलवे स्टेशनों और यहूदियों के एक धार्मिक स्थल (चबाड़ हाउस) नरीमन हाउस को निशाना बनाया था।
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हमले से बची देविका ने सुनाई आपबीती
पिता के साथ बचने की कोशिश की और लगी गोली….
बैठक की शुरुआत 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए चलाए जा रहे वीडियो के साथ हुई। वीडियो में लोगों ने मुंबई में हुए हमले से बचने के बाद अपनी आपबीती सुनाई। वीडियो में मुंबई आतंकी हमले के दृश्य दिखाए गए। दर्दनाक हमले के बाद उसमें से बचे लोगों में से एक, देविका नटवरलाल रोटावन ने अपने कड़वे अनुभव साझा किए। इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को 26 नवंबर 2018 को पुणे की यात्रा करनी थी। देविका ने देखा कि जब वह और उनके परिवार के सदस्य छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पहुंचे, तो वहां गोलियां चल रही थीं। देविका ने बताया कि जब वह अपने पिता के साथ बचने की कोशिश कर रहीं थी, तभी उनके पैर में गोली लगी। खुलासा करते हुए देविका ने बताया कि उन्होंने एक आतंकी को देखा जो लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग कर रहा था। गोली लगने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी छह सर्जरी हुई। इस भयावह आतंकी हमले के वक्त देविका की उम्र नौ साल 11 महीने थी। इसके बाद उन्हें मुंबई पुलिस से फोन आया कि क्या वे आतंकियों की पहचान करने के लिए तैयार हैं। 26/11 हमले में जीवित बची देविका ने अजमल कसाब सहित कई आतंकियों की पहचान की। देविका अब मुंबई विश्वविद्यालय की छात्रा हैं और वह आतंकवाद को समाप्त करने के लिए एक आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखती हैं। अपनी आपबीती बताते हुए देविका ने जोर देकर कहा कि आतंकी हमलों के मास्टरमाइंडों के सफाए के बाद आतंकवाद के पीड़ितों को पूरा न्याय मिलेगा।

