कई देशों में है हिंदू देवी-देवताओं की तस्‍वीर वाली करेंसी, मुस्लिम देश भी शामिल

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय करेंसी नोटों पर महात्‍मा गांधी के साथ लक्ष्‍मी-गणेश की फोटो छापने की अपील की है. उन्‍होंने कहा कि ऐसे करने से पूरे देश को इन देवी-देवताओं का आर्शीवाद मिलेगा. उन्‍होंने कहा कि देवी लक्ष्‍मी को समृद्धि की देवी माना जाता है जबकि भगवान गणेश सभी विघ्‍न दूर करते हैं, इसलिए दोनो की ही तस्‍वीर नोट पर छपनी चाहिए. इससे देश की अर्थव्‍यवस्‍था सुधरेगी. भारत में फिलहाल करेंसी नोटों पर महात्‍मा गांधी और दूसरी ओर देश के दर्शनीय स्‍थलों की तस्‍वीर छपी हैं. आइये जानते हैं किन देशों में करेंसी पर हिंदू देवी-देवताओं की तस्‍वीरें छपी हैं.

यहां छपती है भगवान गणेश की तस्‍वीर
इंडोनेशिया दुनिया का एकमात्र देश है जिसके करेंसी नोट पर भगवान गणेश की तस्‍वीर हैं. यहां 87.5% आबादी मुस्लिम और 1.7% आबादी हिंदू है. यहां 20,000 रुपये के नोट पर भगवान गणेश की तस्‍वीर छपती है जबकि यह दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है. यह गौर करने वाली बात है कि इंडोनेशिया में हिंदू देवताओं और प्रतीकों का उपयोग आम है क्योंकि शुरूआती शताब्दियों में, इंडोनेशिया हिंदू धर्म से काफी प्रभावित था. यह इस देश में स्थित विभिन्न मंदिरों, मूर्तियों में देखा जा सकता है.

ब्रह्मा-विष्‍णु-महेश की तस्‍वीर वाली करेंसी
थाईलैंड राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास बोर्ड ने अपने 60वां स्‍थापना वर्ष का जश्न मनाते हुए 2011 में 20 बहत का सिक्का जारी किया था. इस सिक्‍के पर एक तरफ त्रिमूर्ति यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश की तस्‍वीर उकेरी गई थी.

यहां जारी की गई राजा राम मुद्रा
संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका में वर्ष 2001 में महर्षि महेश योगी से जुड़े एक NGO द ग्‍लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्‍ड पीस (GCWP) ने राजा राम मुद्रा लॉन्‍च की थी. हालांकि, इसका इस्‍तेमाल आश्रम के भीतर या आश्रम से जुड़े सदस्‍यों के बीच ही किया जा सकता था. 24 फरवरी 2002 को वैदिक सिटी ने राम मुद्रा बांटना शुरू कर दिया. कुछ समय बाद सिटी काउंसिल ने राम मुद्रा का चलन स्‍वीकर कर लिया और 1 राम मुद्रा की कीमत 10 अमेरिकी डॉलर तय हो गई.

यूरोप में 1 राम मुद्रा की कीमत 10 यूरो के बराबर थी. वर्ष 2003 तक नीदरलैंड के लगभग 100 दुकान, 30 गांव और नजदीक के कस्‍बों में राम मुद्रा का चलन शुरू हो गया. यह राज्‍य में हर जगह स्‍वीकर नहीं किए जा सकते और यह केवल एक लोकल करेंसी है. अमेरिका और नीदरलैंड की सेंट्रल बैंकों ने इसे लीगल टेंडर नहीं माना.

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