डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन : पीएम मोदी ने रखी नए एयरबेस की आधारशिला

-4518 एकड़ जमीन में निर्माण, 935 करोड़ रुपए का खर्च

अहमदाबाद। भारत-पाकिस्तान की सीमा पर एक नया एयरबेस बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो 2022 का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीमा के पास दीसा में एक नए एयरबेस की आधारशिला भी रखी। इससे भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ेगी। पाकिस्तान की हालत खराब होने वाली है। दीसा एयरबेस भारत और पाकिस्तान की सीमा से मात्र 130 किलोमीटर दूर है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारतीय रक्षा बलों का देश में बने अधिकतर उपकरणों को खरीदने का निर्णय ‘आत्मनिर्भर भारत’ की क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर रक्षा क्षेत्र में कुछ निर्माण कंपनियों के एकाधिकार के बावजूद भारत ने अपना स्थान बनाया है। उन्होंने डिफेंस एक्सपो 2022 का उद्घाटन करने के बाद कहा कि यह भारत में निर्मित रक्षा सामग्री पर बढ़ते विश्वास का भी प्रतीक है, जिसका उद्देश्य देश की रक्षा निर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन करना है। उन्होंने कहा कि भारत से रक्षा निर्यात 2021-22 में लगभग 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। आने वाले समय में हमने इसे 40,000 करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

कार्यक्रम में मोदी ने भारत-पाकिस्तान सीमा के पास उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले के दीसा में एक नए एयरबैस की आधारशिला भी रखी। उन्होंने कहा कि यह देश की सुरक्षा के लिए एक प्रभावी केंद्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा, देश बहुत आगे निकल गया है क्योंकि पहले हम कबूतर छोड़ते थे और अब हम चीतों को छोड़ते हैं। प्रधानमंत्री ने समुद्री सुरक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा वैश्विक प्राथमिकता के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा कि भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में भविष्य के अवसरों को देखते हुए अपनी तैयारियां भी बढ़ानी होंगी। समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर मोदी ने ‘सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन’ (सागर) के अपने दृष्टिकोण के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भागीदारी समावेशी है। उन्होंने कहा, आज अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर वैश्विक कारोबार तक, समुद्री सुरक्षा वैश्विक प्राथमिकता के रूप में उभरी है। वैश्विकरण के युग में मर्चेंट नेवी की भूमिका भी विस्तारित हुई है। उन्होंने कहा, भारत से दुनिया की उम्मीदें बढ़ी हैं और मैं वैश्विक समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत इन्हें पूरा करेगा। इसलिए यह डिफेंस एक्सपो भारत के प्रति वैश्विक भरोसे का भी प्रतीक है।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्होंने दीसा में एक ‘ऑपरेशनल बेस’ स्थापित करने का फैसला किया। हमारे सुरक्षा बलों की यह उम्मीद आज पूरी हो रही है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अब देश की सुरक्षा का प्रभावी केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय सीमा सिर्फ 130 किलोमीटर दूर है, अगर हमारी सेना, विशेष रूप से वायु सेना दीसा में होगी, तो हम पश्चिमी सीमा पर किसी भी चुनौती का बेहतर तरीके से जवाब देने में सक्षम होंगे।

पहली बार भारतीय कंपनियां

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यह एक अभूतपूर्व डिफेंस एक्सपो है क्योंकि यह पहली बार है कि केवल भारतीय कंपनियां ही इसमें भाग ले रही हैं। उन्होंने कहा कि 1,300 से अधिक प्रदर्शकों में शिरकत की है जिनमें भारतीय रक्षा उद्योग, इससे जुड़े कुछ संयुक्त उद्यम, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और 100 से अधिक स्टार्ट-अप शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एक विकसित राज्य के रूप में गुजरात की पहचान और यहां आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो के साथ इसकी औद्योगिक क्षमताएं और उभर कर सामने आएंगी।

पीएम बोले- दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देना होगा आसान

पीएम मोदी ने पाकिस्तान का बिना नाम लिए कहा कि पश्चिमी सीमा पर किसी भी तरह के दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देना और आसान हो जाएगा, क्योंकि यहां वायुसेना की ताकतवर टीम मौजूद रहेगी। इससे रक्षा मामलों में जो फायदा होगा, वो तो होगा ही इसके अलावा इसके कई सिविलियन फायदे भी हैं।

नानी गांव में बनेगा एयरबेस

नया एयरबेस को दीसा के नानी गांव में बनाया जाएगा। इसे बनाने में करीब 935 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। यह एयरफील्ड 4518 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। बनासकांठा जिले के थरड़ राजमार्ग के पास बना है। अब आप सोचेंगे कि इससे एयरफील्ड से फायदा क्या होगा? तो पहले आपको बता दें कि यह वायुसेना का 52वां स्टेशन होगा। यह एयरबैस देश की सुरक्षा और इलाके के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।

अहमदाबाद-वड़ोदरा को मिलेगी ज्यादा सुरक्षा

दीसा एयरबैस भारत-पाक सीमा से 130 किमी दूर है। भारतीय वायुसेना पश्चिमी सीमा पर किसी भी तरह के ऑपरेशंस को अंजाम दे सकती है। चाहे वह जमीन पर हो या फिर समुद्र में हो। पश्चिमी सीमाओं पर किसी भी तरह के जरूरी हवाई सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहेगा, ताकि अहमदाबाद और वड़ोदरा जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्रों को दुश्मन के हमलों से बचाया जा सके।

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