नई दिल्ली। भगोड़े आतंकवादियों दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद के बारे में मंगलवार को यहां मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी के प्रमुख मोहसिन बट ने कोई जवाब नहीं दिया। दाऊद और हाफिज सईद दोनों के पाकिस्तान में रहने का संदेह है। बट इंटरपोल की 90वीं महासभा में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हैं। वह अंतिम समय तक प्रगति मैदान के प्लेनरी हॉल में जाने से प्रत्यक्ष तौर पर बचते रहे। उक्त स्थल पत्रकारों से भरा हुआ था जो उनसे सबसे वांछित आतंकवादियों के ठिकाने के बारे में एक बयान चाहते थे। पाकिस्तान के दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे अधिकारी ने डाइनिंग हॉल में रहना पसंद किया, जहां दोपहर के भोजन का आयोजन किया गया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन की घोषणा से ठीक पहले कार्यक्रम स्थल में प्रवेश किया।
घिर गए बट
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन समाप्त होने के बाद बट पत्रकारों से घिर गए, जो उनसे 1993 के मुंबई विस्फोट के मुख्य षड्यंत्रकर्ता एवं संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किये गए दाऊद इब्राहिम तथा भारत द्वारा वांछित अन्य आतंकवादियों जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के ठिकाने के बारे में जानना चाहते थे। जब मीडियाकर्मियों ने पाकिस्तानी अधिकारी से सवाल पूछे तो बट चुप रहे और वहां से चले गए। उन्हें इस साल जुलाई में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) का महानिदेशक नियुक्त किया गया था, जो इंटरपोल के साथ समन्वय करने के लिए पाकिस्तान का राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो भी है।
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90वीं इंटरपोल महासभा में पीएम
मोदी ने आतंकवाद-भ्रष्टाचार को बताया वैश्विक खतरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध शिकार और संगठित अपराध को मानवता के लिए वैश्विक खतरा बताया। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व के एकजुट होने का समय आ गया है। राजधानी दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि आतंकवाद सिर्फ भौतिक रूप से ही नहीं मौजूद है, बल्कि वह अब साइबर खतरों और ऑनलाइन कट्टरता के माध्यम से अपना दायरा बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, एक सुरक्षित दुनिया हमारी साझा जिम्मेदारी है। जब अच्छी ताकतें एक दूसरे का सहयोग करती हैं, तो अपराध की ताकतें काम नहीं कर सकती हैं। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध शिकार और संगठित अपराध को मानवता के लिये खतरा बताते हुए कहा कि जब खतरे वैश्विक होते हैं, तो प्रतिक्रिया केवल स्थानीय नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों, ड्रग कार्टेल, अवैध शिकार गिरोहों या संगठित अपराधों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं हो सकती है।
195 देशों के प्रतिनिधि
इस महासभा में 195 देशों के प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं। इन प्रतिनिधियों में सदस्य देशों के मंत्री, पुलिस प्रमुख, केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं। महासभा की बैठक यहां 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलेगी। महासभा, इंटरपोल का सर्वोच्च शासी निकाय है और साल में इसकी एक बार बैठक होती है। इस बैठक में इंटरपोल के कामकाज की समीक्षा की जाती है और महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जाते हैं।
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