कुमार विश्वास व तजिंदर पाल सिंह बग्गा को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने FIR की रद्द, पंजाब में दर्ज हैं केस

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने आप के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास और भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ प्राथमिकी रद्द कर दी है। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान देने पर दिल्ली के भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ भी मोहाली साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज किया गया था। वहीं पंजाब पुलिस ने रोपड़ में कुमार विश्वास के खिलाफ 12 अप्रैल को इसी साल एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद पंजाब पुलिस की एक टीम कुमार विश्वास के घर भी पहुंची थी। अब हाईकोर्ट ने दोनों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है।

बग्गा के खिलाफ आप प्रवक्ता की शिकायत पर दर्ज हुआ था मामला
तजिंदर पाल सिंह बग्गा पर केजरीवाल के खिलाफ विवादित ट्वीट करने का आरोप है। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता सन्नी आहलूवालिया की शिकायत पर यह मुकदमा पंजीकृत किया गया था। बग्गा पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने केजरीवाल को जान से मारने की धमकी दी। इस बारे में बग्गा के एक विवादित ट्वीट का हवाला दिया गया था, जो दिल्ली विधानसभा में ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर केजरीवाल के बयान के बाद बग्गा ने किया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि बग्गा ने केजरीवाल को धमकी भरे लहजे में एक के बाद एक ट्वीट किए। दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने बजट सत्र में ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को टैक्स फ्री करने की भाजपा की मांग पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि टैक्स फ्री करने के बजाय फिल्म को यूट्यूब पर डाल दो।

कुमार विश्वास ने मामला रद्द करने की हाईकोर्ट से की थी अपील
दरअसल, कुमार विश्वास ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया था। इसी आधार पर एक आप कार्यकर्ता की शिकायत पर रोपड़ में पुलिस ने कुमार विश्वास के खिलाफ केस दर्ज किया था। मगर कुमार विश्वास ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली और अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की अपील की थी। अब हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।

हाईकोर्ट को कुमार विश्वास ने बताया कि यह एफआईआर न सिर्फ कानूनी प्रक्रिया का उलंघन कर दर्ज की गई है बल्कि यह राजनैतिक रंजिश का नतीजा है। इस एफआईआर को अपने विरोधियों से प्रतिशोध लेने का जरिया बनाया गया है। इन दलीलों के साथ ही एफआईआर को रद्द करने की कुमार विश्वास ने हाईकोर्ट से मांग की थी। कुमार विश्वास ने कहा कि 12 फरवरी के इंटरव्यू को आधार बनाकर रोपड़ में एफआईआर दर्ज की गई जबकि यह इंटरव्यू उन्होंने मुंबई में दिया था।
इस एफआईआर को दर्ज करने में पुलिस ने काफी तेजी दिखाई क्योंकि शिकायत 12 अप्रैल को शाम छह बजकर 10 मिनट पर दी गई और उसी समय शाम सात बजकर 50 मिनट पर एफआईआर दर्ज कर दी गई। इसके बाद एसआईटी उनके दिल्ली के आवास पर पहुंची लेकिन वह घर पर नहीं थे। याची ने कहा कि उसे इस एफआईआर की कॉपी तक नहीं दी गई।

इस एफआईआर की कॉपी पुलिस ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड ही नहीं की थी जबकि उसके पहले और बाद की अन्य एफआईआर वेबसाइट पर अपलोड थी। 21 अप्रैल को उन्होंने रूपनगर के एसएसपी से एफआईआर की कॉपी मांगी थी जो 22 अप्रैल दोपहर तीन बजकर 20 मिनट में मिली।

कुमार विश्वास ने कहा कि पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद से लगातार केजरीवाल विरोधियों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। यह एफआईआर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन होने के साथ ही राजनीतिक रंजिश का नजीता हैं।

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