छापेमारी से भड़के पीएफआई सदस्यों ने संघ दफ्तर पर फेंका पेट्रोल बम, वाहनों में भी तोड़फोड़

पीएफआई ठिकानों पर एनआईए छापेमारी के बाद पीएफआई सदस्यों का प्रदर्शन

तिरुवनंतपुरम। आतंकवादी और देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त पॉपुरल फ्रंट ऑफ इंडिया के देशभर में स्थित कार्यालयों और उनके नुमाइंदों के यहां एनआईए द्वारा की गई छापेमारी व गिरफ्तारियों के विरोध में पीएफआई ने केरल बंद का आव्हान किया था। इस दौरान केरल के कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने उग्र होते हुए पुलिस पर पथराव कर वाहनों में आग लगा दी। कन्नूर स्थित आरएसएस के कार्यालय में पेट्रोल बम भी फेंके। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। इधर कांग्रेस ने आज भारत जोड़ो यात्रा रोक दी। इस पर भाजपा ने तंज कसा कि पीएफआई और इस्लामिक जिहादी संगठनों ने आज हड़ताल का आह्वान किया और कांग्रेस ने आज अपनी पदयात्रा रोक दी इससे घटिया और शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।

केरल में पीएफआई के बंद के दौरान कई शहरों से तोड़फोड़ की गई। त्रिवेंद्रम, कोल्लम और कोझीकोड से बसों और गाड़ियों में तोड़फोड़ की तस्वीरें सामने आई हैं। कोच्चि में पीएफआई ने केंद्रीय एजेंसियों के छापों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वहीं स्थानीय स्तर पर दुकानें बंद कराने की कोशिश की। इस दौरान दुकानदारों और प्रदर्शनकारियों में झड़प भी हुई। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 5 लोगों को हिरासत में लिया है। केरल में कई जगहों पर पीएफआई के दुकानों, सार्वजनिक संपत्ति और होटलों को नुकसान पहुंचाने की भी खबर आई है।

संघ दफ्तर पर तोड़फोड़, फेंका पेट्रोल बम

कन्नूर में पीएफआई का विरोध प्रदर्शन देखते ही देखते उग्र हो गया। यहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। इसी दौरान मत्तानूर में आरएसएस के एक कार्यालय पर पीएफआई के दो लोगों द्वारा पेट्रोल बम फेंकने की खबर है। पुलिस वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश कर रही है।

हाईकोर्ट ने कहा- बिना अनुमति कैसे किया प्रदर्शन

केरल हाईकोर्ट ने पीएफआई की हड़ताल पर स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने कहा कि जब हड़ताल पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है तो इसके बावजूद हड़ताल हुई और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट किया गया। इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने राज्य प्रशासन से प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने और किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए हर संभव उपाय करने को कहा।

एक साथ 15 राज्यों में छापेमारी

बता दें कि एनआईए ने 22 सितंबर को देर रात देशभर में पीएफआई के करीब 150 ठिकानों पर छापेमारी की थी। देश के 15 राज्यों में एक साथ की गई इस छापेमारी में सौ से ज्यादा टेरर फंडिग के आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इसमें पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ. एम. ए. सलाम को भी केरल से और दिल्ली प्रमुख परवेज अहमद को भी अरेस्ट किया गया है।

वोट बैंक के खातिर पीएफआई पर नरम रुख : भाजपा

पीएफआई द्वारा बंद व हिंसक वारदातों पर भाजपा की राज्य इकाई ने अनावश्यक करार दिया। साथ ही राज्य सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया। भाजपा की ओर से कहा गया कि पीएफआई द्वारा बुलाई गई पिछली सभी हड़ताल दंगे में तब्दील हो गईं थीं। भाजपा के राज्य प्रमुख के सुरेंद्रन ने कहा कि राज्य में वामपंथी सरकार वोट बैंक की खातिर पीएफआई के प्रति नरम रवैया अपना रही है।

कांग्रेस ने यात्रा रोक कर अप्रत्यक्ष मदद की : केंद्रीय मंत्री जोशी

इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि राहुल गांधी ने पता नहीं क्यों उनकी सुविधा के लिए अपनी यात्रा को एक दिन के लिए रोक दिया है। जब देश हित की बात हो, तब सभी पार्टियों को मिलकर काम करना चाहिए। पर उनका व्यवहार अलग है, वह अप्रत्यक्ष रूप से उनकी मदद कर रहे हैं।

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इस कारण पीएफआई पर की गई कार्रवाई

  1. राज्यों में टेरर फंडिंग करने का आरोप: एनआईए अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और हैदराबाद में आतंकी गतिविधि बढ़ाने के लिए भारी संख्या में टेरर फंडिंग की गई है। लिंक खंगालने के बाद जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई की है।
  2. ट्रेनिंग कैंप लगाने का आरोप: सूत्रों के मुताबिक एनआईए को सूचना मिली कि कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों से पीएफआई बड़े स्तर पर ट्रेनिंग कैंप लगा रही है। इसमें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के साथ लोगों का ब्रेनवॉश भी किया जा रहा था।
  3. फुलवारी शरीफ का लिंक: जुलाई में पटना के पास फुलवारी शरीफ में मिले आतंकी मॉड्यूल को लेकर भी छापेमारी की गई है। फुलवारी शरीफ में पीएफआई के सदस्यों के पास से इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का डॉक्यूमेंट भी मिला था। इसमें अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की प्लानिंग थी।

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