टेरर फंडिंग को लेकर एनआईए और ईडी की बड़ी कार्रवाई, 11 राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापे

— कार्रवाई को ‘ऑपरेशन मिडनाइट’ का दिया गया था नाम

—- पीएफआई के चेयरमैन सलाम हिरासत में लिया गया


नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ अभियान में एनआईए और ईडी ने गुरुवार सुबह बड़ी कार्रवाई की। जांच एजेंसियों ने करीब 11 राज्यों में पीएफआई पदाधिकारियों के आवास और दफ्तरों पर छापे मारे। इस दौरान 106 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने इन्हें 4 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया। इधर, इस कार्रवाई के बाद कर्नाटक, केरल में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया है और शुक्रवार को केरल बंद का आह्वान किया है।


एनआईए की अगुवाई में ईडी समेत कई एजेंसियों ने गुरुवार को सुबह 11 राज्यों में एक साथ छापे मारे। देश में आतंकवाद के वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि सबसे अधिक गिरफ्तारियां केरल में हुई हैं। एनआईए ने इसे ‘अब तक का सबसे बड़ा जांच अभियान’ करार दिया। अभी गिरफ्तारियों का विवरण उपलब्ध नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और 11 राज्यों के पुलिस बल ने गिरफ्तारियां की हैं। अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवदियों को कथित तौर पर धन मुहैया कराने, उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने और लोगों को प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ने के लिए बरगलाने में कथित तौर पर शामिल व्यक्तियों के परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं। पीएफआई की स्थापना 2006 में केरल में की गई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है। वह भारत में हाशिये पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का प्रयास करने का दावा करता है। पीएफआई ने एक बयान जारी कर कहा, पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं के ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं। राज्य समिति के कार्यालय की भी तलाशी ली जा रही है। हम फासीवादी शासन द्वारा असंतोष की आवाज को दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग किए जाने का कड़ा विरोध करते हैं। ईडी देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों, फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों को भड़काने, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित महिला से कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में साजिश रचने और कुछ अन्य आरोपों को लेकर पीएफआई के कथित ‘वित्तीय संबंधों’ की तफ्तीश कर रही है। जांच एजेंसी ने लखनऊ में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पीएफआई और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं। ईडी ने पिछले साल फरवरी में धन शोधन के आरोपों पर पीएफआई और उसकी छात्र इकाई कैंपल फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के खिलाफ अपनी पहली प्राथमिकी दाखिल की थी। उसने दावा किया था कि पीएफआई के सदस्य हाथरस के कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले के बाद ‘सांप्रदायिक दंगे भड़काना और आतंक का माहौल बनाना’ चाहते थे। आरोप पत्र में जिन लोगों को नामजद किया गया है, उनमें पीएफआईकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के राष्ट्रीय महासचिव एवं पीएफआई सदस्य के ए रऊफ शरीफ, सीएफआई के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतिकुर रहमान, सीएफआई की दिल्ली इकाई के महासचिव मसूद अहमद, पीएफआई से जुड़े पत्रकार सिद्दिकी कप्पन और सीएफआई/पीएफआई का एक अन्य सदस्य मोहम्मद आलम शामिल हैं। ईडी ने इस साल दाखिल किए गए दूसरे आरोपपत्र में दावा किया था कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में स्थित एक होटल पीएफआई के लिए धन शोधन का ‘जरिया’ बना था।

कहां कितनी गिरफ्तारियां

केरल (22)

महाराष्ट्र (20)

कर्नाटक (20)

तमिलनाडु (10)

असम (9)

उत्तर प्रदेश (8)

आंध्र प्रदेश (5)

मध्य प्रदेश (4)

पुडुचेरी (3), दिल्ली (3)

राजस्थान (2)


चेयरमैन पर भी शिकंजा

जांच एजेंसियों ने पीएफआई के प्रदेश और जिला स्तरीय नेताओं के घर पर भी छापेमारी की है। साथ ही इस बार एजेंसियों ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में पार्टी के चेयरमैन सलाम पर भी शिकंजा कसा है, उन्हें हिरासत में लिया गया है। सलाम के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में पार्टी कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को बड़ी संख्या में जुटे कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की।

शाह ने की उच्च स्तरीय बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक बैठक की। बैठक में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े परिसरों में की जा रही छापेमारी तथा आतंकवाद के संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा की गयी। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, राष्ट्रीय अभिकरण एजेंसी के महानिदेशक दिनकर गुप्ता समेत शीर्ष अधिकारी इस उच्च स्तरीय बैठक में शामिल हुए। एक अधिकारी के मुताबिक, समझा जाता है कि शाह ने आतंकवाद के संदिग्धों और पीएफआई के कार्यकर्ताओं के खिलाफ देशभर में की गयी कार्रवाई का जायजा लिया।

क्यों हुई छापेमारी

एनआईए अधिकारियों के मुताबिक कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और हैदराबाद में आतंकी गतिविधि बढ़ाने के लिए भारी संख्या में टेरर फंडिंग की गई है। लिंक खंगालने के बाद जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई की है। एनआईए को सूचना मिली कि कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों से पीएफआई बड़े स्तर पर ट्रेनिंग कैंप लगा रही है। इसमें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के साथ लोगों का ब्रेनवॉश भी किया जा रहा था।


विरोध में सड़क पर उतरे कार्यकर्ता

केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी खिलाफ पीएफआई कार्यकर्ता केरल के मल्लपुरम, तमिलनाडु के चेन्नई, कर्नाटक के मंगलुरु में सड़कों पर उतर आए हैं। केरल में कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम भी किया, जिसे हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बलप्रयोग किया। केरल में शुक्रवार को पीएफआई ने एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है।

रविवार को भी पड़े थे छापे

रविवार को भी एनआईए ने आंध्र प्रदेश के अलग-अलग जिलों में रेड की थी। उस दौरान पीएफआई सदस्यों को पूछताछ के लिए ले जाया गया था। जांच एजेंसी ने हिंसा भड़काने और गैर कानूनी गतिविधियों से जुड़े मामलों में कार्रवाई की थी। उस दौरान एनआईए अधिकारियों की 23 टीमों में निजामाबाद, कुर्नूल, गुंटूर और नेल्लोर जिले में करीब 38 ठिकानों तलाशी ली थी।

अमित शाह की मीटिंग में लिखी गई थी पटकथा

पीएफआई पर कार्रवाई की पटकथा 29 अगस्त को हुई केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में ही लिख दी गई थी। उस दौरान शाह ने पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 29 अगस्त को हुई बैठक में शामिल हुए शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि शाह पीएफआई और उससे जुड़ी गतिविधियों की जानकारी चाहते थे। उस दौरान जब मौजूद लोगों ने उन्हें जानकारियां मुहैया कराई, तो उन्होंने अलग-अलग एजेंसियों को जिम्मेदारियां बांटी। पीएफआई के खिलाफ बड़े एक्शन की योजना बनाई गई थी, लेकिन यह भी तय किया गया कि एजेंसियां पहले पूरा होमवर्क करेंगी। बैठक के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रॉ, आईबी, एनआईए के प्रमुख समेत कई बड़े अधिकारी शामिल हुए थे। शाह ने यह साफ कर दिया था कि पीएफआई के पूरे कैडर, फंडिंग और आतंकी नेटवर्क को खत्म करना है और इसमें अलग-अलग एजेंसियों के शामिल करने की योजना तैयार की गई।


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