तनाव के बीच अमेरिका का एक और प्रतिनिधिमंडल पहुंचा ताइवान

ताइपे, आठ सितंबर (एपी) अमेरिकी कांग्रेस का एक और प्रतिधिनिमंडल ताइवान पहुंचा है और उसने ताइवान की राष्ट्रपति साई इन वेंग से बृहस्पतिवार सुबह मुलाकात की। अमेरिका और ताइवान के नेताओं के बीच यह मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है जब चीन के साथ दोनों देशों के संबंध बेहद तनावपूर्ण हैं। चीन पूरे ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। इससे पहले अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी अगस्त में ताइवान की यात्रा पर आई थीं । चीन ने इस यात्रा का काफी विरोध किया था और उसने अपने सैन्य अभ्यास को तेज करते हुए लगभग रोज ही ताइवान की ओर लड़ाकू विमान, ड्रोन आदि भेजे थे। फ्लोरिडा से डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य स्टेफनी मर्फी की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने ताइवान की राष्ट्रपति से मुलाकात की। चीन के सैन्य खतरों का जिक्र करते हुए साई ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल की यात्रा ‘‘ ताइवान के प्रति अमेरिकी कांग्रेस के अडिग समर्थन को दर्शाती है।” उन्होंने कहा, ‘‘ ताइवान दबाव में नहीं आएगा। हम हमारे लोकतांत्रिक प्रतिष्ठानों तथा जीवन जीने के तरीकों की रक्षा करेंगे। ताइवान पीछे नहीं हटेगा।” इस पर मर्फी ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस को ‘‘अंतराष्ट्रीय संगठनों में ताइवान की वृहद भागीदारी की वकालत करनी चाहिए।” उन्होंने कहा, ‘‘ ताइवान ने दिखाया है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक जिम्मेदार सदस्य है खासतौर पर जन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर। वह अंतरराष्ट्रीयों मंचों पर भागादारी का हकदार है।” गौरतलब है कि वियतनामी माता पिता की संतान और हनोई में पैदा हुईं मर्फी उन सांसदों में शामिल हैं जिन्होंने वह विधेयक पेश किया है जिसके तहत अमेरिका ताइवान की मदद करने के लिए उसे हथियार दे सकता है, ठीक उसी प्रकार से जैसे उसने यूक्रेन को हथियार दिए हैं। पिछले सप्ताह राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने ताइवान को एक अरब डॉलर की हथियार ब्रिकी की मंजूरी दी थी। इस पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने बुधवार को कहा कि वाशिंगटन और ताइपे के बीच रक्षा सहयोग को लेकर चीन की आपत्ति ‘‘संगत और स्पष्ट” है। माओ ने कहा, ‘‘हम उन कृत्यों का दृढ़ता के साथ जवाब देंगे जो चीन की संप्रभुता और सुरक्षा को कमजोर करते हैं और हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करते हैं।” माओ ने जापान को आगाह किया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में ताइवान के सरकारी अधिकारी को शामिल न होने दें। जुलाई में आबे की हत्या के बाद उनके तोक्यो आवास पर ताइवान के उप राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के श्रद्धांजलि अर्पित करने का चीन ने कड़ा विरोध किया था। माओ ने कहा, ‘‘जापान को एक स्वतंत्र ताकत के रूप में ताइवान को राजनीतिक जोड़तोड़ के लिए कोई मंच नहीं उपलब्ध कराना चाहिए।” अपने पूरे राजनीतिक जीवन के दौरान अबे ताइवान के प्रबल समर्थक थे। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक 50 वर्षों तक जापानी उपनिवेश रहे ताइवान के जापान के साथ घनिष्ठ राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संबंध हैं। पेलोसी की यात्रा के बाद एक अमेरिकी सांसद और एक अन्य कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने ताइवान का दौरा किया। इसके साथ ही साथ जापान और पलाऊ के अधिकारी, अमेरिकी प्रांत एरिजोना और इंडियाना के गवर्नन ने भी सेमीकंडक्टर्स पर ध्यान केंद्रित करते हुए ताइवान का दौरा किया। सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में ताइवान की कंपनियों का दबदबा है।

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