- उदयपुर में है जुड़वा स्कूल, जहां बच्चों को देखने लग जाती भीड़
- होमवर्क देकर टीचर हो जाते हैं कंफ्यूज
- उदयपुर (राजस्थान)। झीलों की नगरी उदयपुर में ऐसा स्कूल है, जिसमें 29 जुड़वां बच्चे पढ़ते हैं। इनमें से एक जोड़ा ट्रिपलेट भाई बहन का भी है।इस स्कूल में आने वाले बच्चों को देखने के लिए कई बार तो स्कूल के बाहर भीड़ तक लग जाती है। इस स्कूल को जुड़वा बच्चों का स्कूल भी कहा जाने लगा है। यह बच्चे शहर के द स्कॉलर स्कूल में पढ़ते हैं। यहां के शिक्षकों का कहना है कि जो जुड़वा भाई-बहन है उनमें से अधिकतर की आदतें आपस में मेल नहीं खाती है । कोई गुस्सैल है, तो कोई शांत है । किसी की राइटिंग अच्छी है तो कोई अच्छा सीखता है। यहां कई बार तो शिक्षक भी कंफ्यूज हो जाते हैं कि उन्होंने किस बच्चे का वर्क चेक किया है। इस साल हुए एडमिशन में ही नौ जुड़वा बच्चे स्कूल में दाखिल हुए हैं।
जूनियर कक्षाओं से लेकर 12वीं तक यह बच्चे
स्कूल के डायरेक्टर लोकेश जैन का कहना है कि यह संयोग ही है कि यहां पर जुड़वा बच्चे पढ़ते हैं । हालांकि कुछ बच्चों की शक्ल आपस में कुछ कुछ अलग है लेकिन उन में ज्यादा बदलाव नहीं है । हाल ही में कई जुड़वा बच्चों को एडमिशन दिया गया है । जैन का कहना है कि जूनियर कक्षाओं से लेकर कक्षा बारहवीं तक यह बच्चे पढ़ रहे हैं । एक पेयर तो ट्रिपलड बच्चों का भी यहां पढ रहा है।
बच्चे के नाम भी जुड़वा
स्कूल की टीचर शर्मिला जैन ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का जुड़वा होना संयोग ही है। हमारे पास 14 जुड़वा जोड़ी बच्चे हैं । शिक्षकों ने बताया कि बच्चे जुड़वा है तो उनका नाम भी जुड़वा ही है। जूनियर कक्षाओं में दिव्या और उसकी बहन दृष्टि। कीरत और खुशबू। अदिति और अनन्या। जय और खुशी. एबिगेल और ज्ञान. हितिका और हित्विक, प्रणव और प्रियदर्शनी ,ज्योतिआदित्य और जन्मेमय, वंशिता और विधांश, डेरी ,डेविड और डोवी, आरव और आरुषि, सूर्य प्रताप और सुनैना, अक्षय राज और अवनीवर्दी कवर, दीक्षित और मेहुल शामिल हैं।

