‘ब्रिटेन पर होगा भारत का कब्जा, सब बोलेंगे भारतीय लहजे में अंग्रेजी’

चीन ने भाजपा का ट्वीट शेयर कर उगला जहर

ग्लोबल टाइम्स अखबार ने किया तंज- कहा यूके का होगा ‘भारतीयकरण’

हाल में ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत

बीजिंग। भारत की उपलब्धियों से चीन को मिर्ची लगती है, फिर चाहें एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत का नौसेना में शामिल होना हो या तेजी से बढ़ती भारत की अर्थव्यवस्था। ग्लोबल टाइम्स के एक पत्रकार ने बीजेपी के एक ट्वीट की फोटो शेयर करते हुए भारत के खिलाफ जहर उगला है। इससे पहले जब आईएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था तो पत्रकार ने खिसियाहट भरा ट्वीट किया था। अब चीन इसलिए खिसियाया हुआ है क्योंकि भारत ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही उससे आगे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह अनुमान जताया है।

बीजेपी का ट्वीट भी इसी को लेकर था जिसमें भारत को दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में दिखाया गया था। इसमें लिखा था, ‘मोदी सरकार के परिवर्तनकारी बदलाव भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के उसके लक्ष्य को हासिल करने में सहायता कर रहे हैं। ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना भारत की आर्थिक तरक्की का सबसे अच्छा उदाहरण है।’ लेकिन चीन को यह उपलब्धि देखकर मिर्ची लग गई।

भारतीय उच्चारण से अंग्रेजी

ग्लोबल टाइम्स से जुड़े पत्रकार हू शिजिन ने अपने ट्वीट में तंज कसते हुए लिखा, ‘भारत ब्रिटेन को अपना उपनिवेश बनाना जारी रखेगा और वह यूके का ‘भारतीयकरण’ भी कर सकता है। एक दिन भारतीय उच्चारण के साथ अंग्रेजी दुनियाभर में सबसे मानक अंग्रेजी बन जाएगी और अंग्रेजी सीखने वाले विदेशी भारतीय उच्चारण सीखेंगे, लगे रहो भारत।’ ट्वीट में चीन की खिसियाहट साफ देखी जा सकती है जो आर्थिक, राजनीतिक, कोरोना और जनसंख्या संकटों से गुजर रहा है।

ब्रिटेन को और पीछे छोड़ सकता है भारत

एक दशक पहले तक भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मामले में 11वें पायदान पर था जबकि ब्रिटेन पांचवें स्थान पर था। लेकिन अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड विस्तार होने से यह ब्रिटेन से आगे निकल गई है और ब्रिटेन छठे पायदान पर खिसक गया है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था भारत के अगले कुछ वर्षों में ब्रिटेन को और भी पीछे छोड़ देने की संभावना है। भारत की जनसंख्या ब्रिटेन की आबादी की 20 गुना होने से यहां का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी कम है।

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