लंदन, तीन सितंबर (भाषा) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में भारतीय मूल के पहले सांसद के तौर पर शामिल होकर इतिहास रचने वाले ऋषि सुनक ने शनिवार को अपनी टीम और समर्थकों को धन्यवाद देकर अपना ‘रेडी फॉर ऋषि’ प्रचार अभियान समाप्त किया। अधिकतर सर्वेक्षण और मीडिया की खबरों में यह कयास लगाये जा रहे हैं कि बोरिस जॉनसन का स्थान लेने के लिए हुए चुनाव के जब सोमवार को परिणाम आएंगे तो विदेश मंत्री लिज ट्रस विजयी होंगी लेकिन सुनक ने ट्वीट करके जीत की उम्मीद जतायी। उन्होंने कहा, ‘‘मतदान अब बंद हो गया है। मेरे सभी साथियों, प्रचार दल और मुझसे मिलने आये सभी सदस्यों को आपके समर्थन के लिए धन्यवाद। सोमवार को मिलते हैं।” भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री सुनक (42) ने अपने अभियान को बढ़ती महंगाई, अवैध आव्रजन से निपटने, ब्रिटेन की सड़कों को सुरक्षित बनाने के वास्ते अपराध से मुकाबले और सरकार में विश्वास बहाल करने के लिए 10-सूत्री योजना पर केंद्रित रखा था। अनुमानित 1,60,000 टोरी सदस्यों द्वारा डाले गए ऑनलाइन और डाक मतपत्रों का मिलान अब कंजर्वेटिव कैंपेन मुख्यालय (सीसीएचक्यू) द्वारा किया जा रहा है। विजेता की घोषणा सोमवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:30 बजे सर ग्राहम ब्रैडी द्वारा की जाएगी जो बैकबेंच टोरी सांसदों की 1922 समिति के अध्यक्ष और चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर हैं। सुनक और ट्रस को सार्वजनिक घोषणा से लगभग 10 मिनट पहले यह पता चल जाएगा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव में कौन विजेता रहा है। कार्यक्रम के अनुसार, नवनिर्वाचित नेता मध्य लंदन में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय सम्मेलन केंद्र में परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद डाउनिंग स्ट्रीट के पास एक संक्षिप्त भाषण देंगे/देंगी। सोमवार को शेष समय, जीतने वाला/वाली उम्मीदवार कैबिनेट पद और प्रधानमंत्री के तौर पर पहले भाषण को अंतिम रूप देगा/देगी। मंगलवार को, दिन की शुरुआत निवर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा अपने डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय की सीढ़ियों पर विदाई भाषण के साथ होगी। उसके बाद वह अपना इस्तीफा महारानी को सौंपने के लिए स्कॉटलैंड के एबरडीनशायर रवाना होंगे। जॉनसन के उत्तराधिकारी अलग से स्कॉटलैंड पहुंचेंगे/पहुंचेंगी और उन्हें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा बाल्मोरल कैसल निवास पर औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा। भाषा अमित माधव
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पाकिस्तान स्थित आकाओं को कथित रूप से संवेदनशील सूचनाएं देने के आरोप में मदरसा शिक्षक गिरफ्तार
जम्मू, तीन सितंबर (भाषा) आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाकिस्तान स्थित आकाओं को सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी सूचना कथित तौर पर मुहैया करने को लेकर जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में एक मदरसा शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि उक्त व्यक्ति ‘दुश्मन के एजेंट’ के रूप में काम कर रहा था और उसके खिलाफ ‘दुश्मन एजेंट अध्यादेश कानून’ के प्रावधान तीन के तहत मामला दर्ज किया गया है। मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर 11राष्ट्रीय राइफल और पुलिस ने संयुक्त रूप से चेर्गो दूल निवासी अब्दुल वाहिद गुज्जर को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एजेंट के रूप में काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा जारी बयान के अनुसार, ‘‘वह विभिन्न पुलिस प्रतिष्ठानों और सुरक्षा बलों की गोपनीय जानकारी विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से पाकिस्तान स्थित आका को मुहैया किया करता था।” पुलिस ने दावा किया कि उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है और इस सिलसिले में भविष्य में और गिरफ्तारियां किये जाने की संभावना है। इससे पहले अधिकारियों ने गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मौलवी कारी अब्दुल वाहिद (25) के रूप में की थी।
अधिकारियों ने बताया कि वाहिद दादपेठ गांव के मदरसे में अपनी पत्नी और सात महीने के बेटे के साथ रहता था और अध्यापन कर रहा था। अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी को ‘बड़ी सफलता’ करार देते हुए कहा कि शुरू में सैन्य खुफिया इकाई ने एक संदिग्ध की मौजूदगी के बारे में जानकारी जुटाई थी, जो पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारियां भेज रहा था। वाहिद विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में आ गया था। उसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एकसाथ मिलकर काम किया। उन्होंने कहा कि उन्हें पिछले सप्ताह पूछताछ के लिए बुलाया गया था। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस, सैन्य खुफिया इकाई और राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) की संयुक्त पूछताछ के दौरान, वाहिद ने दिसंबर 2020 से ही आतंकी समूह कश्मीर जांबाज फोर्स (केजेएफ) के लिए काम करने और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के वीडियो और तस्वीरें साझा करने की बात स्वीकार की। वाहिद का ‘आतंकवाद की ओर झुकाव’ था और वह सोशल मीडिया पर स्वयंभू केजेएफ कमांडर तैयब फारूकी उर्फ उमर खताब के संपर्क में आया था। उन्होंने कहा कि वह खुद को सक्रिय आतंकवादी बताता था और इसके अलावा ऑनलाइन समूह का सक्रिय सदस्य बन गया था। अधिकारियों ने बताया कि वह कुछ अज्ञात लोगों के साथ नियमित रूप से संपर्क में था। उन्होंने कहा कि संभवत: पाकिस्तानी खुफिया समूह के गुर्गों ने स्थानीय युवाओं को आतंकवाद में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के वास्ते पैसे और नए फोन की पेशकश की थी। भाषा अर्पणा सुभाष


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
			     
                                        
                                    